शारीरिक और मानसिक रुप से टूट गईं थी Malaika Arora, बयां किया कोरोना का दर्द
मलाइका अरोड़ा खान पिछले साल कोविड की चपेट में आ गई थीं. अब मलाइका ने अपने इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट के जरिए एक्सपीरिएंस शेयर किया है. मलाइका ने बताया है कि कैसे कोरोना ने उन्हें फिजिकली और मेंटली कमजोर कर दिया था.
बॉलीवुड एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा अपनी फिटनेस को लेकर सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहती हैं. मलाइका अरोड़ा को अक्सर जिम और योगा के लिए जाते हुए स्पॉट किया जाता है. मलाइका की फिटनेस आज भी बॉलीवुड का नई एक्ट्रेस पर भारी पड़ती है. हालांकि मलाइका के जीवन में भी एक वक्त ऐसा आया जब वो हिम्मत हार चुकीं थी. दरअसल एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पिक्चर शेयर की है जिसमें उन्होंने अपने कोविड पीरियड का दर्द बयां किया है. पिछले साल मलाइका कोरोना पॉजिटिव हुईं थी. अब करीब 8 महीने बाद मलाइका ने बताया है कि कैसे उन्होंने कोरोना को मात दी और रिकवर हुईं.
मलाइका ने बताया कि कोरोना ने न सिर्फ उन्हें शारीरिक रूप से कमजोर किया बल्कि मानसिक रूप से भी तोड़ दिया था. मलाइका अरोड़ा ने इंस्टाग्राम पर कहा है कि कोरोना के बाद वो बहुत कमजोर और निराश महसूस करती थीं. यहां तक कि उनका वजन भी काफी बढ़ गया था. मलाइका की ये तस्वीर उनके कोरोना से रिकवर होने के बाद की है. जिसमें वो मलाइका ने शॉर्ट्स के साथ एक ब्लैक कलर की स्पोर्ट्स ब्रा पहनी है. हालांकि थोड़ा वजन ज्यादा लग रहा है.
मलाइका ने लिखा है, "तुम बहुत लकी हो, तुम्हारे लिए चीजे आसान होंगी, ऐसी चीजे हैं जो मैं अक्सर अपने लिए सुनती हूं....सच कहूं तो लाइफ में कई चीजों को लेकर मैं खुशनसीब हूं, लेकिन आपकी जो किस्मत होती है वो बहुत छोटा रोल प्ले करती है. आराम से..बॉय...ऐसा नहीं होता."
मलाइका ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, "मैं 5 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी और मेरे लिए यह बहुत मुश्किल समय था. जो इंसान ये बोलता है कोविड रिकवरी आसान होती है. मैं आपको बता दूं ये सिर्फ उन लोगों के लिए आसान होती है जिनकी इम्युनिटी अच्छी होती है और जो कोविड से जूझना जानते हैं. मैं इससे निकली हूं आसान शब्द नहीं है ये."
मलाइका ने कहा, "मुझे कोरोना ने शारीरिक रूप से पूरी तरह से तोड़ दिया है. घर में 2 कदम चलना मेरे लिए बहुत मुश्किल होता था. मैं सिर्फ अपने बिस्तर से उतरती थी और घर की खिड़की पर जाकर खड़ी हो जाती थी. ये सब करना भी मेरे लिए बहुत मुश्किल था. मेरा वजन बढ़ गया था. मैं खुद को बहुत कमजोर महसूस कर रही थी. मुझमें स्टैमिना बिल्कुल नहीं बचा था. परिवार से दूर रहते हुए मेरे दिमाग में न जाने क्या-क्या चल रहा था."
मलाइका ने लिखा है कि ‘आखिरकार 26 सितंबर को मेरी कोरोना निगेटिव आई. मैं खुद को खुशनसीब समझती हूं कि मैंने कोरोना को हराया, लेकिन इसके बाद मेरे अंदर बहुत कमजोरी थी. मैं काफी निराशाजनक हो गई थी. मेरा दिमाग और बॉडी मुझे सपोर्ट नहीं कर रहे थे. मुझे ये सोचकर डर लग रहा था कि मुझे दोबारा एनर्जी मिल पाएगी या नहीं. मुझे लगता था कि क्या मैं 24 घंटों में अपनी कोई एक एक्टिविटी पूरी कर पाउंगी."
मलाइका ने लिखा है, "जब मैंने पहली बार वर्क आउट किया तो बहुत तकलीफ हुई. मैं अच्छे से नहीं कर पा रही थी. लेकिन फिर मैंने दूसरे दिन खुद को समझाया कि मैं अपनी चीजें कर सकती हूं. फिर तीसरे दिन, चौथे दिन, पांचवे दिन और हर रोज करती रही." अब 32 हफ्ते हो चुके हैं और मैं नेगेटिव हूं. अब मैं वर्कआउट कर पा रही हूं. ठीक से सांस ले पा रही हूं. मानसिक और शारीरिक रूप से बेहतर और मजबूत महसूस कर रही हूं.
चार लेटर के वर्ड उम्मीद (HOPE) ने मुझे पुश किया. मुझे उम्मीद थी कि सब कुछ ठीक होगा. मेरे अदर उम्मीद थी कि मै बेहतर होंगी. उन सभी लोग का शुक्रिया जो मुझे मैसेज करके मेरे हाल चाल पूछ रहे हैं. मुझे जिन्दादिल रहने के लिए कह रहे हैं.
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