कोरोना से उबर चुके लोगों को क्या मॉडर्ना या फाइजर की वैक्सीन का मात्र एक डोज है पर्याप्त? जानें रिसर्च
रिसर्च के मुताबिक कोरोना से संक्रमित रह चुके 36 लोगों को जांचा और 26 लोगों में वायरस नहीं था.कोविड से ठीक हो चुके लोगों का एंटीबॉडी लेवल मात्र एक डोज के बाद कोरोना प्रभावितों के समान बना.
शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं, उनको वैक्सीन के सिर्फ एक डोज की जरूरत हो सकती है. रिसर्च के मुताबिक, दूसरे डोज ने कोरोना वायरस के खिलाफ अतिरिक्त इम्यूनिटी पैदा नहीं की. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स के शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग कोरोना वायरस से पूर्व में संक्रमित हो चुके थे, उनको दो डोज वाली वैक्सीन के मात्र एक डोज से कोविड-19 के खिलाफ पर्याप्त इम्यून रिस्पॉन्स हासिल हुआ.
पूर्व के कोरोना संक्रमण पर वैक्सीन का एक डोज की जरूरत
उन्होंने ये भी पता लगाया कि दूसरे डोज से कोरोना वायरस के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा नहीं मिली. रिसर्च के लिए टीम ने पूर्व में कोविड-19 से संक्रमित 36 लोगों को शामिल किया और 26 लोगों में वायरस का ज्ञान इतिहास नहीं था. हर प्रतिभागियों को या तो फाइजर-बायोएनटेक या मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन का एक डोज लगाया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन 26 लोगों में कोरोना की हिस्ट्री नहीं थी, उन सभी में एंटीबॉडी लेवल पहले डोज के बाद हल्के संक्रमण वाले के बराबर विकसित हुआ. लेकिन जो लोग कोविड-19 को मात दे चुके थे, उन सभी 36 लोगों में एंटीबॉडी लेवल मात्र एक डोज से बुरी तरह संक्रमित मरीजों के समान पैदा हुआ. उससे ज्यादा दिलचस्प घटना ये हुई कि दूसरा डोज लगवाने के बाद एंटीबॉडी लेवल में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई.
दूसरे डोज से नहीं या नहीं के बराबर मिला फायदा- रिसर्च
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स स्कूल ऑफ मेडिसीन ने बयान में कहा، "हमारे डेटा बताते हैं कि कोई शख्स अगर पूर्व में कोरोना से संक्रमित हो चुका है, तो उसको पहली एमआरएनए तकनीक आधारित टीकाकरण के बाद बड़ा रिस्पॉन्स मिलता है और दूसरे डोज से या तो कोई फायदा नहीं या नहीं के बराबर फायदा होगा. वैक्सीन का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने और गैर जरूरी साइड-इफेट्स से बचने के लिए जन स्वास्थ्य नीति में इस पहलू से बदलाव पर विचार किया जा सकता है."
पूर्व के रिसर्च से पता चला था कि कोविड-19 से मिलनेवाली स्वाभाविक एंटीबॉडीज एक शख्स को दस महीनों तक वायरस से सुरक्षा दे सकती है. एक अन्य रिसर्च में पाया गया था कि मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन का मात्र एक डोज लगवाने वालों को 28 दिनों बाद कोरोना वायरस से संक्रमित होने का 95 फीसद कम खतरा हो गया. हालांकि, ताजा रिसर्च से खुलासा होता है कि 85 दिनों बाद एंटीबॉडीज लेवल में स्वाभाविक तौर पर 90 फीसद की कई आ गई, चाहे मरीजों को पूर्व में कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में लिया था या नहीं. इसका मतलब हुआ कि तीसरे बूस्टर डोज की किसी मौके पर जरूरत हो सकती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ अभी भी कोविड-19 वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने की सिफारिश करते हैं, चाहे किसी को पूर्व में संक्रमण हुआ है या नहीं.
Skin Care Tips: दाने और मुंहासे हैं खूबसूरती के दुश्मन, किचन की इन सामग्रियों से करें सफाया
Diabetes Tips: डायबिटीज रोगी इन नियमों का करें पालन, स्वस्थ ब्लड शुगर लेवल होगा मेंटेन
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )