नई दिल्लीः रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया है कि पुरुष खुद को महिलाओं से दोगुना झूठ बोलने में अच्छा मानते हैं. पीएलओएस वन नामक पत्रिका में प्रकाशित इस रिसर्च से पता चला है कि झूठ बोलने में एक्सपर्ट लोग मैसेज, सोशल मीडिया के बजाय आमने-सामने बैठकर झूठ बोलना पसंद करते हैं. इतना ही नहीं, ऐसे लोग उन जगहों को भी कम पसंद करते हैं जहां वे आसानी से झूठ नहीं बोल पाते.
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के रिसर्चकर्ता ब्रायन वर्निग ने कहा, "हमें झूठ बोलने और लिंग के बीच विशेषज्ञता का एक महत्वपूर्ण संबंध मिला. पुरुष खुद को महिलाओं की तुलना में झूठ बोलने में दोगुना एक्सपर्ट मानते हैं."
पिछले शोधों से पता चला है कि ज्यादातर लोग रोजाना एक-दो झूठ बताते हैं, लेकिन यह सही नहीं है, ज्यादातर लोग हर रोज झूठ नहीं बोलते हैं, लेकिन रोजाना झूठ बोलने वालों की संख्या भी कम नहीं है.
वेर्गिन ने कहा, "हमारी रिसर्च में जो बात सामने आई वह यह थी कि सभी झूठों में से लगभग आधे (40 फीसदी) बहुत कम धोखेबाजों के होते हैं. और ये लोग उनके सबसे करीबी लोगों के साथ झूठ बोलते हैं."
निष्कर्षों के लिए, शोध टीम ने 39 लोगों की औसत उम्र के साथ, 194 लोगों - आधे पुरुषों और आधी महिलाओं का सर्वे किया, उनकी झूठ बोलने की आदतों के बारे में - कितनी बार उन्होंने झूठ, क्या और किसके बारे में बताया.
उनसे यह सवाल पूछा गया कि दूसरों को धोखा देने में वे कितने अच्छे थे, पिछले 24 घंटों में उन्होंने कितने झूठ बोले, किस प्रकार के झूठ बोले, फेस या अन्य माध्यमों से कैसे उन्होंने झूठ बोला.
वेर्गिन ने कहा, "हम उन लोगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे जो झूठ बोलने में अच्छे हैं और यह समझने की कोशिश करते हैं कि वे इसे कैसे और किससे करते हैं."
रिसर्च में पाया गया है कि झूठ बोलने वालों की एक प्रमुख रणनीति यह है कि प्रशंसनीय झूठ जो सच के करीब रहें और अधिक जानकारी न दें. जितना बेहतर कोई सोचता है कि वे झूठ बोल रहे हैं, उतना ही झूठ वे बताएंगे.
ज्यादातर लोगों ने आमने-सामने झूठ बोलना चुना, फिर मैसेज, फोन कॉल, ईमेल और आखिरी में सोशल मीडिया के माध्यम से झूठ बोला. अधिकांश झूठ बोलने वाले परिवार, दोस्तों या सहकर्मियों के लिए सबसे अधिक बार झूठ बोलते हैं.
ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.