Depression And Sadness: जिस तरह से लगातार लाइफस्टाइल बिगड़ रही है और वर्क लोड बढ़ता जा रहा है उसके चलते लोग तनाव ग्रस्त हो रहे हैं. ऐसे में अगर पढ़ाई या परिवार में लड़ाई झगड़े का टेंशन हो तो धीरे-धीरे यह तनाव डिप्रेशन में भी बदल जाता है. ब्रेकअप हुआ तो डिप्रेशन, ऑफिस में किसी तरह की दिक्कत आ गई तो डिप्रेशन या फिर फैमिली प्रॉब्लम हो जाए तो डिप्रेशन. आजकल हर चीज को लोग डिप्रेशन से जोड़ कर देखने लगे हैं तो सही नहीं है. डिप्रेशन की शुरुआत भले ही उदासी से होती हो लेकिन उदास रहने और डिप्रेशन में होने के बीच एक बड़ा अंतर है. तो आज हम आपको इस खबर में बताएंगे उदासी और डिप्रेशन के बीच का अंतर ताकि आप समझ पाएं कि आप सिर्फ किसी बात को लेकर उदास हैं जो कुछ वक्त के बाद अपने आप ठीक हो जाएगा डिप्रेशन में नहीं.
डिप्रेशन और उदासी में अंतर
उदासी
उदासी एक सामान्य मानवीय भावना है जो हर एक व्यक्ति तनावपूर्ण या उदास समय में महसूस करेगा.
जीवन की कई घटनाएँ लोगों को उदास या दुखी महसूस करा सकती हैं. किसी अपने का नुकसान या उसका पास न होना, तलाक, नौकरी, फाइनेंशियल प्रॉब्लम, या घर पर समस्याएं, यह सभी चीजें आपके अंदर नेगेटिविटी ला सकती हैं जो आपकी उदासी या सैडनेस का कारण बन सकती है. परीक्षा में असफल होना, नौकरी न मिलना, या कुछ ऐसा होना जो आप बिल्कुल नहीं चाहते थे से भी उदासी ट्रिगर कर सकती है. उदास रहने वाला व्यक्ति आमतौर पर रो देता है जिससे उसका दुख कुछ हद तक कम हो जाता है. उदासी आमतौर पर समय के साथ गुजरती जाती है. एक समय के बाद उदासी खत्म हो जाती है और इंसान अपने सामान्य रूटीन में वापस लौट आता है. पर अगर ऐसा नहीं हो रहा तो यह डिप्रेशन का संकेत है. अगर मूड खराब हो जाता है या 2 हफ्ते से अधिक समय तक रहता है, तो व्यक्ति को अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
डिप्रेशन
डिप्रेशन एक मानसिक विकार है जिसका व्यक्ति के जीवन के कई हिस्सों पर गहरा प्रभाव पड़ता है. यह किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता है और व्यवहार को बदल देता है. 2015 में, अमेरिका में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लगभग 16.1 मिलियन लोगों ने पिछले साल कम से कम एक मेजर डिप्रेसिव एपिसोड का एक्सपीरियंस किया था, जो देश के सभी एडल्ट्स का 6.7 प्रतिशत था.
यह लक्षण दिखें तो समझ जाएं कि ये उदासी नहीं डिप्रेशन है
निराशा की भावना
उदासी
उम्मीद.न होना
प्रेरणा की कमी
किसी भी तरह की एक्टिविटीज से इंटरेस्ट खत्म होना जो पहले अच्छी लगा करती थी
गंभीर मामलों में, डिप्रेशन में रहने वाला व्यक्ति आत्महत्या के बारे में सोच सकता है या प्रयास कर सकता है. ऐसे लोगों को परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताना अच्छा नहीं लगता और वह अपना शौक का पीछा करना भी बंद कर देते हैं. यही नहीं अपना काम है पढ़ाई करना भी छोड़ देते हैं. डिप्रेशन के यह सिम्टम्स लगातार 2 हफ्ते तक नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए और ट्रीटमेंट शुरू करना चाहिए.
डिप्रेशन का इलाज
मेडिकेशन
साइकोथेरेपी
काउंसिलिंग
डिप्रेशन को दूर करने के लिए अच्छे साइकैटरिस्ट से परामर्श ज़रूर कर ना चाहिए.
इस समस्या अच्छे से समझने की को शिश करें और इसके लिए अपने डॉक् टर की सलाह लें..
अपने आपको अकेला न रहने दे, दो स्तों के साथ बहार जाएँ, लोगों से मिले जुले, गपशप करें.
वॉक करें.
अपने आप को काम में व्यस्त रखें ..
योग का सहारा ले और अनुलोम विलो म, प्राणायाम, ध्यान को सीखकर जी वन में उतारे.
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