Mental Health Problems: आज की लाइफस्टाइल और बिजी शेड्यूल की वजह से ज्यादातर लोग मेंटल हेल्थ की समस्याओं से परेशान हैं. कई बार सिर दर्द या इससे जुड़ी समस्या होने पर हम इसे सिर दर्द या टेंशन समझ दवा खा लेते हैं, लेकिन यह आपकी हेल्थ के लिए कहीं से भी सही नहीं है. अगर इस तरह की समस्या है तो डिप्रेशन, स्ट्रेस या फिर एंजाइटी हो सकती है. अब आप सोच रहे होंगे कि ये तो तीनों एक ही बीमारी है. बिल्कुल नहीं, इसी की समझ न होने से हमें सही इलाज नहीं मिल पाता और प्रॉब्लम्स बढ़ती जाती है. अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो सबसे पहले समझिए डिप्रेशन, स्ट्रेस और एंजाइटी के बीच का अंतर...
डिप्रेशन
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में डिप्रेशन (Depression) एक कॉमन बीमारी बनती जा रही है. दरअसल, जब हम किसी चुनौती या समस्या से परेशान होते हैं तो हमारा मूड खराब रहता है और उसी हिसाब से हमारा दिमाग भी रिएक्ट करता है. इस बीमारी में मरीज को लगता है कि उसका कुछ खोने वाला है. वह खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है. कभी-कभी तो सुसाइड करने तक का ख्याल आ जाता है. इस बीमारी में किसी चीज को लेकर उत्साह नहीं रहता, मन उदास रहता है, गुस्सा आता है, नींद नहीं लगती, एनर्जी लेवल लो रहता है. इसलिए जब कभी भी इस तरह की प्रॉब्लम समझ जाए, तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें.
स्ट्रेस
स्ट्रेस (Stress) होने पर दिमाग निगेटिव इमोशंस की तरफ भागता है. इसको सरल भाषा में टेंशन भी कह सकते हैं. यह बीमारी होने से मन छोटी-छोटी बातों से ही परेशान हो उठता है. फिजिकल और मेंटल दोनों तरह की समस्या बनने लगती है. इस बीमारी में सिर दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, चेस्ट पेन, दिल की बीमारी का खतरा, स्किन प्रॉब्लम्स, नींद की समस्या होती है. इस बीमारी से बचने आप मेडिटेशन की मदद ले सकते हैं. डॉक्टर की सलाह पर एक्सरसाइज कर सकते हैं.
एंजाइटी
अगर आप गहरी चिंता में हैं. मन में डर और बेचैनी बनी रहती है. इसकी वजह से घबराहट और पसीना आता रहता है. दिल की धड़कने बढ़ी हुई होती हैं, अचानक पैनिक हो जा रहे हैं तो इसका मतलब आप एंजाइटी (Anxiety) की चपेट में हैं. यह तनाव की वजह से होता है. स्ट्रेस और एंग्जाइटी करीब-करीब एक तरह ही होते हैं. कहा जाता है कि हर दिन के काम के दबाव का जो रिएक्शन होता है उसे स्ट्रेस कहते हैं जबकि एंजाइटी स्ट्रेस का रिएक्शन होता है. यानी स्ट्रेस होने पर आपकी बॉडी जो नेचुरल रिस्पॉन्स करती है, उसे ही एंग्जाइटी कहते हैं. समय रहते अगर इस बीमारी का इलाज न किया जाए तो पेशेंट के बिहेवियर पर इसका काफी असर होता है. इसलिए इस तरह के लक्षण समझ आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें
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