एक्सप्लोरर
राजघरानों की बात: महारानी पद्मिनी और महाराणा प्रताप जैसी सरीखी हस्तियों का संबंध मेवाड़ राजवंश से है
मेवाड़ राजवंश को गुहिल या सिसोदिया राजवंश के नाम से भी जाना जाता है. कभी इस सल्तनत पर राजा रत्न सिंह और महारानी पद्मिनी राज करते थे. एक समय मेवाड़ राजवंश की राजधानी चित्तौड़ हुआ करती थी. लेकिन बाद के दिनों में यह उदयपुर स्थापित हो गई.
![राजघरानों की बात: महारानी पद्मिनी और महाराणा प्रताप जैसी सरीखी हस्तियों का संबंध मेवाड़ राजवंश से है Mewar Dynasty: Celebrities like Maharani Padmini and Maharana Pratap have been descendants राजघरानों की बात: महारानी पद्मिनी और महाराणा प्रताप जैसी सरीखी हस्तियों का संबंध मेवाड़ राजवंश से है](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/01/19181513/city-palace_udaipur.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: जब भी भारत के राजवंशों को याद किया जाएगा, उनमें एक नाम मेवाड़ राजवंश का भी होगा. यह भारत के सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय शाही वंशों में गिना जाता है. इसके पैतृक इतिहास में महाराणा प्रताप जैसी शूरवीर प्रसिद्ध हस्तियों का नाम दर्ज है. भारत में कुछ ही गिने-चुने मान्यता प्राप्त शाही राजघराने हैं. उनमें से एक नाम मेवाड़ राजवंश के भी है. वर्तमान में इस शाही घराने के परिवार राजस्थान के खूबसूरत शहर उदयपुर में रहता है.जिसके संरक्षक राणा अरविंद सिंह मेवाड़ हैं. वे अपने राजवंश की 76 वीं पीढ़ी हैं. वे एचआरए ग्रुप ऑफ होटल्स समेत राजस्थान में बड़ी विरासत के मालिक हैं. उनके राजस्थान भर में कई होटल, रिसॉर्ट और धर्मार्थ संस्थान हैं.
महारानी पद्मिनी और महाराणा प्रताप सरीखी हस्तियां रही हैं वंशज
मेवाड़ राजवंश को गुहिल या सिसोदिया राजवंश के नाम से भी जाना जाता है. कभी इस सल्तनत पर राजा रत्न सिंह और महारानी पद्मिनी राज करते थे. अब उनके वंशज उद्योग जगत, नौकरी-पेशा और खेती किसानी में हाथ आजमा रहे हैं. लेकिन वे अभी भी गर्व से खुद के महारानी पद्मिनी, महाराणा प्रताप सरीखी प्रसिद्ध हस्तियों के वंशज होने पर गर्व करते हैं.
जब मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ से हटकर उदयपुर हो गई
एक समय मेवाड़ राजवंश की राजधानी चित्तौड़ हुआ करती थी. लेकिन बाद के दिनों में यह उदयपुर स्थापित हो गई. इसके बारे में इतिहासकार बताते हैं कि चित्तौड़ पर लगातार हमले हुए. जिसके चलते महाराणा उदय सिंह ने मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ से उदयपुर में स्थापित कर दी. उनके वंशजों के बारे में इतिहासकार बताते कि वे मेवाड़ के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी रह रहे हैं. लेकिन उदयपुर में इंक पूर्व राजघराने के प्रत्यक्ष वंशज रहते हैं.
1300 साल पुराना इतिहास
मेवाड़ राजवंश अपनी बेतहाशा दौलत के लिए भी जाना जाता है. इसके अलावा इनके पास अपने समय की शानदार विंटेज कारें रही हैं. इन्हें अभी तक सहेजकर रखा गया है. यह करीब 1300 साल पुराना राजवंश है. जिसकी गिनती भारत के सबसे पुराने राजवंशों में होती है.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
बिहार
विश्व
क्रिकेट
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)