महारानी पद्मिनी और महाराणा प्रताप सरीखी हस्तियां रही हैं वंशज
मेवाड़ राजवंश को गुहिल या सिसोदिया राजवंश के नाम से भी जाना जाता है. कभी इस सल्तनत पर राजा रत्न सिंह और महारानी पद्मिनी राज करते थे. अब उनके वंशज उद्योग जगत, नौकरी-पेशा और खेती किसानी में हाथ आजमा रहे हैं. लेकिन वे अभी भी गर्व से खुद के महारानी पद्मिनी, महाराणा प्रताप सरीखी प्रसिद्ध हस्तियों के वंशज होने पर गर्व करते हैं.
जब मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ से हटकर उदयपुर हो गई
एक समय मेवाड़ राजवंश की राजधानी चित्तौड़ हुआ करती थी. लेकिन बाद के दिनों में यह उदयपुर स्थापित हो गई. इसके बारे में इतिहासकार बताते हैं कि चित्तौड़ पर लगातार हमले हुए. जिसके चलते महाराणा उदय सिंह ने मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ से उदयपुर में स्थापित कर दी. उनके वंशजों के बारे में इतिहासकार बताते कि वे मेवाड़ के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी रह रहे हैं. लेकिन उदयपुर में इंक पूर्व राजघराने के प्रत्यक्ष वंशज रहते हैं.
1300 साल पुराना इतिहास
मेवाड़ राजवंश अपनी बेतहाशा दौलत के लिए भी जाना जाता है. इसके अलावा इनके पास अपने समय की शानदार विंटेज कारें रही हैं. इन्हें अभी तक सहेजकर रखा गया है. यह करीब 1300 साल पुराना राजवंश है. जिसकी गिनती भारत के सबसे पुराने राजवंशों में होती है.