Milk Tips: इम्यूनिटी के लिए हल्दी दूध से लेकर कैलशियम के लिए दूध के फायदे तक, जानें
Milk Use As Medicine: छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं का भारत में हल्दी दूध से इलाज हो जाता है. गले की खराश, इम्यूनिटी के मुद्दे, कब्ज और जख्म से लेकर कई समस्याओं में एक ग्लास सादा दूध या हल्दी के साथ दूध या घी या ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल होता है.
दूध, चाहे भैंस का हो या गाय का, सदियों से हमारी संस्कृति का मुख्य केंद्र रहा है. सैंकड़ों पौराणिक कहानियां गौ माता कामधेनु की प्रचलित हैं और हम देखते भी हैं कि कैसे दूध धार्मिक आयोजनों में भी शामिल किया जाता है. अब, चूंकि कोविड-19 महामारी ने इम्यूनिटी पर हमें फोकस करने को मजबूर कर दिया है, ऐसे में जादुई देसी ड्रिंक दूध एक बार फिर चर्चा में आ गया है.
दूध हल्दी- गोल्डन मिल्क या हल्दी दूध के नाम से मशहूर पीला ड्रिंक भारत के लिए नया नहीं है लेकिन उसकी लोकप्रियता पश्चिमी संस्कृति में बढ़ रही है. ये पीला दूध पारंपरिक तौर पर गाय या भैंस के दूध को गर्म कर हल्दी और अन्य मसालों जैसे दालचीनी, अदरक और थोड़ा स्वीटनर के साथ बनाया जाता है. कुछ रेसिपी में काली मिर्च, जायफल या अन्य मसाले और स्वीटनर भी शामिल होते हैं. हल्दी दूध प्रोटीन, एंटी ऑक्सीडेंट्स, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटैशियम और करक्यूमिन का भरपूर स्रोत है. ये हमें सामान्य जुकाम, संक्रमण के कारण शरीर में होनेवाला आम सूजन, चोट, जख्म और पेट की खराबी के समय लड़ाई में मदद करता है. भारतीय घरों में एक ग्लास हल्दी दूध देने का चलन है जब आपको गले में खराश, खांसी, सर्दी या फ्लू हो.
हड्डी और दांत निर्माण के लिए दूध- कैल्शियम का मुख्य स्रोत दूध हड्डी के स्वास्थ्य और दांत को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है. कैल्शियम दिल की धड़कन, मांसपेशी के काम को बनाए रखने में भी मदद करता है. हार्वर्ड टीएच चेन स्कूल ऑफ मेडिसीन ने हालांकि चेताया है कि कैल्शियम और डेयरी फूड ऑस्टियोपोरोसिस और कोलोन कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं, लेकिन अधिक सेवन से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है और संभावित तौर पर ओवेरियन कैंसर. उसकी सलाह है कि दूध और डेयरी फूड्स का सेवन दिन में एक या दो बार से ज्यादा नहीं किया जाना चाहिए और उसके बजाए नन डेयरी फूड जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां और ब्रोकोली का भी इस्तेमाल करें. ये दोनों हड्डी की सेहत के लिए विटामिन हासिल करने के शानदार स्रोत भी हैं.
अच्छी नींद के लिए दवा के तौर पर दूध- अगर रात में इस्तेमाल किया जाए, एक ग्लास गर्म दूध अच्छी नींद को बढ़ा सकता है. दूध में खास यौगिक विशेषकर ट्राइप्टोफैन और मेलाटोनिन सो जाने में आपकी मदद कर सकता है. इसके अलावा एक या दो चम्मच घी को एक कप गर्म दूध में सोने के समय लेना कब्ज से राहत दिलाने के लिए प्रभावी है. ये न्यूरोट्रांसमिटर जिसे सेरोटोनिन हार्मोन (फील गुड हार्मोन) के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
वजन कम करने के लिए दूध- प्रोटीन में उच्च होने से दूध आपका वजन कम होने और बॉडी बनाने का रास्ता भी तय कर सकता है. प्रोटीन इंसानी शरीर में सभी प्रक्रियाओं के निर्माण खंड विशेषकर मांसपेशी निर्माण के लिए जरूरी है. दूध में मौजूद प्रोटीन आपको देर तक संतुष्ट रख सकता है और भूख लगने से ज्यादा खाने को रोक सकता है.
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