दुनिया से जूनोटिक बीमारी के प्रकोप का खतरा टला नहीं है. निकट भविष्य में कई और वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंच जाएंगे. ये सनसनीखेज दावा ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की प्रमुख वैज्ञानिक ने किया है. उन्होंने वैश्विक यात्रा और बढ़ती हुई आबादी से जूनोटिक प्रकोप के खतरे के प्रति सावधान किया.


जानवरों से फैलनेवाली बीमारियां वर्तमान समय में सामान्य घटना हो चुकी हैं. जंगल की कटाई और खेती ने जानवरों को इंसानों के सामने ला खड़ा किया है. प्रोफेसर सारा गिलबर्ट ने कहा कि वर्तमान महामारी से पता चलता है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय यात्रा ने वायरस के फैलाव को तेज कर दिया. बड़ी आबादी के कारण उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया है.


जूनोटिक बीमारी के प्रकोप की आशंका


कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अभी भी शोध चल रहा है. लेकिन आम धारणा है कि ये दूसरे जानवरों तक चमगादड़ से पहुंचा. उसके बाद जानवर से कोरोना वायरस इंसानों के शरीर में दाखिल हुआ. सारा गिलबर्ट ने एक समाचार पत्र को बताया, "जिस तरह दुनिया में घटनाएं घट रही हैं उससे लगता है कि हमें जूनोटिक संक्रमण का सामना करना होगा. जूनोटिक संक्रमण निकट भविष्य में प्रकोप बन जाएगा."


उन्होंने बताया कि आबादी का घनत्व, ज्यादा यात्रा, वनों की अंधाधुंध कटाई के चलते वायरस का फैलाव आसान हो जाता है. कोविड-19 सबसे खतरनाक और संक्रामक जूनोटिक बीमारी साबित हुआ है. उसने लाखों लोगों की अब तक जिंदगी छीन ली है. और करोड़ों लोग वायरस की चपेट में आने से संक्रमित हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में भी बताया गया था कि संक्रमण संबंधी बीमारियों में इजाफा देखने को मिल सकता है.


ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की प्रमुख का खुलासा


अगर संरक्षण का काम वन्य जीवों को बचाने के लिए कर लिया जाए तो संक्रामक रोग का खतरा टल सकता है. पशु चिकित्सा महामारी विशेषज्ञ और संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट के लेखक प्रोफेसर डेलिया रंडोल्फ ने 'बहुत स्पष्ट प्रवृत्ति' बताया है. उनका कहना है कि 1930 के उदाहरण से मालूम चला है कि 75 फीसद इंसानी बीमारियां वन्य जीवों से फैली. जानवरों के आवास को खत्म करने से पशु इंसानों के नजदीक आने को मजबूर हो जाते हैं. जिससे बीमारी के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.


'जूनोटिक बीमारी' जीव-जन्तुओं से होनेवाली वायरस जनित बीमारी है. ये रोग एक जानवर या कीट से इंसानों तक पहुंचती है. जूनोटिक बीमारी अल्पकालिक भी हो सकती है. इसके अलावा वर्षों तक रहनेवाली महामारी भी हो सकती है. 1918 में स्पेनिश फ्लू और वर्तमान में कोरोना वायरस से होनेवाली कोविड-19 इसके सबसे सटीक उदाहरण हैं.


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