दुनिया भर के सभी देशों में मदर्स डे कई सालों से मनाया जाता रहा है. इस बार मदर्स डे 9 मई को मनाया जाएगा. यह एक ऐसा दिन है जिसे बच्चे और वयस्क दोनों हर साल मानाने के लिए तत्पर रहते हैं. मदर्स डे पर गिफ्ट, स्पेशल इवेंट और रेस्तरां में स्पेशल मेनू जैसी बहुत लोकप्रिय हैं लेकिन इस साल महामारी के बीच इवेंट नहीं हो पाएंगे.    


इस बार ज्यादातर परिवार घर पर मदर्स डे  सेलिब्रेट करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हर कोई सुरक्षित रहे. मदर्स डे महिलाओं के आंदोलनों से जुड़ा रहा है जो समान अधिकारों की मांग करते रहे हैं. अमेरिका में 70 के दशक में मदर्स डे पर महिलाओं ने वंचित महिलाओं और बच्चों के समर्थन में रैली निकाली. मदर्स डे से कई रोचक तथ्य जुड़े हुए हैं जिनके बारे में आपको जानना चाहिए.


मदर्स डे का इतिहास और रोचक तथ्य


मदर्स डे सेलिब्रेशन प्राचीन यूनानियों और रोमनों में ट्रेस किया जा सकता है, जिन्होंने गोडेस Rhea और Cybele के सम्मान में उत्सव आयोजित किए. वहीं,  यूनाइटेड किंगडम और यूरोप के कुछ हिस्सों में  मदर्स डे लेंट के दौरान चौथे रविवार को देखा गया जब लोग स्पेशल सर्विस के लिए अपने 'मदर चर्च' या पड़ोस के मुख्य चर्च लौटे.


समय के साथ  धार्मिक धारणा से ज्यादा मदर्स डे बच्चों के लिए विशष दिन बन गया, जो इस दिन अपनी मां को फूल और गिफ्ट देते हैं. 


अमेरिका में 1868  में मदर्स फ्रेंडशिप डे की हुई शुरुआत
अमेरिका में  शांतिदूत एना जार्विस ने गृहयुद्ध के दौरान माताओं के बीच एकजुटता बढ़ाने के लिए बहुत प्रयास किए और उन्होंने 1868 में मदर्स फ्रेंडशिप डे की शुरुआत की .
 
माताओं के सम्मान के रूप में एक सफेद कार्नेशन पहनना सबसे पहले एना जार्विस द्वारा शुरू किया गया था. बाद में लाल या गुलाबी रंग के कार्नेशन का इस्तमाल जीवित मां के लिए किया गया और सफेद कार्नेशन उस मां के लिए किया गया जो अब जीवित नहीं.  वहीं, मदर्स डे वर्क क्लब महिलाओं को यह सिखाने के लिए शुरू किए गए कि वे अपने बच्चों की देखभाल कैसे करें.


दुनियाभर में मदर्स डे के हैं कई वर्जन 
दुनिया में मदर्स डे के कई वर्जन हैं. थाईलैंड में, पारंपरिक रूप से मदर्स डे अगस्त में थाईलैंड के क्यूम मदर सिरिकित के जन्मदिन पर मनाया जाता है. इथोपिया में परिवार एक विशेष दिन पर शरद ऋतु में इकट्ठा होते हैं और माताओं का सम्मान करते हैं.


भारत में पारंपरिक रूप से माताओं का एक विशेष स्थान है. दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा और नवरात्रि जैसे अधिकांश त्योहार देवी के रूप में माताओं का सम्मान का प्रतीक माने जाते हैं. 
 
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