नई दिल्लीः नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की साधना की जाती है. मां चंद्रघंटा का रौद्र रूप है. जब बच्चे को कोई बाहर वाला पीट देता है तो मां रौद्र रूप में आती है. उसी प्रकार जब कोई बच्चा मां चंद्रघंटा को मुसीबत में पुकारता है तो मां चंद्रघंटा बच्चे की सुरक्षा के लिए रौद्र रूप धारण कर लेती हैं. मां चंद्रघंटा असुरों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ती. अगर आप परेशान हैं तो मां चंद्रघंटा की आराधना करें.


मां चंद्रघंटा की पूजा के दौरान लाल या पीला वस्त्र धारण करें.


पूजा में इन चीजों का इस्तेमाल करें-    




  • साबुत लोंग का जोड़ा

  • सुपारी

  • पान

  • दूध, दही या दूध दही से बनी कोई चीज जो घर में बनाई गई हो उसका सेवन माता को कराएं और स्वयं भी करें.

  • शुद्ध रोली और कुमकुम

  • मां को आल्ता लगाएं ओर घर की स्त्रियां भी आल्ता लगाएं.

  • अक्षत

  • पंच मेवा

  • संभव हो सके तो अखंड ज्योति जलाएं. दीपक मिट्टी और पीतल का हो सकता है. दीपक मां की प्रतिमा के बांईं और रहेगा.

  • रोजाना पंच दीपक जलाएं और संभव हो सके तो आटे का दीपक जलाएं.


अक्षत करें दान-
नवरात्र के तीसरे दिन अक्षत का खासतौर पर दान किया जाता है. यानि 8 साल से छोटी कन्याओं को नवरात्र के तीसरे दिन चावल का दान जरूर करें.


मन को शांत करने के लिए सबसे सरल मंत्र-
जब मन अशांत होता है तो संभव है कि आपसे कई गलतियां हो जाएं. अशांत से सफलता भी दूर चली जाती है. ऐसे में जब भी मन अशांत हो या फिर आप असफल हो मंत्र का जाप करें.
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके |
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||


नोट: ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.