कोरोना मरीजों में कई अलग-अलग तरह के लक्षण देखे गए है जिनको लेकर दुनिया भर में कई स्टडी की जा रही हैं. वहीं अब एक नई स्टडी के मुताबिक कहा गया कि बिना लक्षण वाले मरीजों में हर पांचवे शख्स ने लॉन्ग कोविड का अनुभव किया है.


इसका मतलब ये कि मरीज एक महीने से ज्यादा समय तक कोरोना की चपेट में रहा. वहीं, लक्षण गंभीर ना दिखने पर ज्यादातर ऐसे मरीज घर पर ही रहकर इलाज करते हैं. अमेरिका के एनजीओ फेयर हेल्थ ने देश के 19 लाख लोगों के नमूने के आधार पर इस स्टडी को पेश किया है.


कम लक्षण होने के बावजूद मरीज लंबे समय तक रहे परेशान- रॉबिन गेलबर्ड


एनजीओ के अध्यक्ष रॉबिन गेलबर्ड के मुताबिक, कोरोना के कम लक्षण होने के बावजूद ये मरीजों को लंबे समय तक परेशान कर रहा है. उन्होंने कहा कि, लॉन्ग कोविड मरीजों में चार सप्ताह से अधिक वक्त तक बना रहता है. स्टडी के अनुसार सभी उम्र के लोगों में लॉन्ग कोविड मामले मिले हैं. साथ ही लोगों को सासं लेने में दिक्कत, बेचैनी, थकान और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं दिखी हैं.


एसिम्टोमैटिक मरीजों में 19 प्रतिशत लोगों ने लॉन्ग कोविड का किया अनुभव- स्टडी


स्टडी में बताया गया कि कोरोना से ठीक होने के एक महीने या उससे थोड़े अधिक वक्त के बाद इन मरीजों के मरने की संभावना 46 गुना अधिक बनी. साथ ही कहा गया कि, कोरोना के एसिम्टोमैटिक मरीजों में 19 प्रतिशत लोगों ने इलाज के एक महीने बाद लॉन्ग कोविड लक्षण महसूस किए.


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