चाहे समय जितना भी तेजी से बदल रहा हो, समाज में तलाक को अच्छे दृष्टिकोण से नहीं देखा जा रहा है. यह शब्द खासकर लड़कियों के लिए अच्छा नहीं है. इससे उन्हें बचाने के लिए उनके परिवार के सदस्य उसे अपनी शादी में कई बातों पर समझौता करने की सलाह देते हैं, जिससे उनको क्या मिलता है सिर्फ दुख और पछतावा.
बेशक, यह सत्य है कि आपके प्रियजन कभी भी आपको दुखी नहीं देखना चाहेंगे, लेकिन यह भी सत्य है कि उन्हें आप की स्थिति के बारे में आपसे अधिक कुछ नहीं मालूम होता. इसलिए, शादी के बाद, अपने रिश्ते को चलाने के लिए उनकी कही हुई किसी भी बात पर अंधाधुंध भरोसा न करें.
- शादी के बाद पति और पत्नी के बीच झगड़े होना सामान्य है, लेकिन इसमें दोनों को अपने रिश्ते की मर्यादा को ध्यान में रखना चाहिए. अक्सर, क्रोध में कुछ बातें निकल जाती हैं जिनसे ऐसा लगता है कि उस व्यक्ति के साथ रहना ठीक नहीं है.
- विवाह में एडजस्टमेंट की आवश्यकता होती है, लेकिन इसे काम में लाने के लिए पति और पत्नी के बीच प्रेम, आदर और अंडरस्टैंडिंग होना चाहिए. इस तरह की स्थिति में यदि आपके रिश्ते में ये बातें नहीं हैं, तो एडजस्टमेंट की कोशिश करने से केवल दुख ही होगा.
- समाज में अपनी पत्नी पर हाथ उठाना पति के लिए सामान्य हो गया है, इतना कि माता-पिता भी अपनी बेटियों से यही कहने लगे हैं कि इसे एडजस्ट करें. किसी की बातों को स्वीकार करने और अपने पति के साथ सामान्य हो जाने से पहले, सोचें कि व्यक्ति जो एक बार हाथ उठा सकता है, क्या वह तीन, चार, दस, सौ बार नहीं उठा सकता है? यदि पति और पत्नी के बीच समानता और आदरपूर्ण रिश्ता नहीं है, तो उस पति से समय से अलग हो जाना ही सही है.