खाना खाने से जुड़ी अनहेल्दी आदतें अक्सर आपको बीमार बनाती हैं. ये न सिर्फ पेट से जुड़ी परेशानियों को पैदा करती हैं बल्कि ये कई सारी दूसरी गंभीर बीमारियों का भी कारण बनती हैं. पर हाल ही में आया एक शोध आपको हैरान कर सकता है. जी हां, इस शोध की मानें, तो जो लोग ठूस-ठूस कर खाना खाने की आदत रखते हैं, वो आगे चलकर हार्ट अटैक के शिकार हो सकते हैं. इस शोध में बताया गया है कि कैसे भारी भोजन दिल के दौरे को ट्रिगर कर सकता है और खाने के दो घंटे के भीतर दिल का दौरा पड़ने के खतरे को लगभग चार गुना बढ़ा सकता है. तो आइए विस्तार से जानते हैं क्या कहता है ये शोध.
क्या कहता है ये शोध?
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार अमेरिका में हर साल लगभग 610,000 लोग हार्ट अटैक से मरते हैं. जब शोधकर्ताओं ने हार्ट अटैक के कारणों को जानना चाहा तो उन्हें कुछ अजीब आदतों का पता चला, जिसकी वजह से हार्ट अटैक आता है. इन्हीं आदतों में से एक है ज़्यादा खाने की आदत. इस शोध से पता चला है कि भारी भोजन दिल के दौरे के लिए ट्रिगर का काम कर सकता है. यह एक ऐसे व्यक्ति के लिए विशेष रूप से सच है जो कि भारी वजन वाला है या मोटापे का शिकार है.
भारी भोजन से हार्ट अटैक का खतरा
बता दें कि ज़्यादा खाना खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी परेशानियां भी होती हैं. जिसका सीधा असर दिल के स्वास्थ्य पर होता है. दरअसल कोलेस्ट्रॉल का हाई लेवल आपके धमनियों को पतला कर देता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में परेशानी आती है. ब्लड सर्कुलेशन की ये परेशानी ब्लड प्रेशर से जुड़ जाती है और दोनों मिल कर हार्ट अटैक को ट्रिगर करते हैं. वहीं कई और वजह भी हैं, जिसके कारण भारी भोजन दिल के दौरे की संभावना को बढ़ा सकत है. दरअसल खाना खाने और इसे पचाने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो ऑक्सीजन की बढ़ती आवश्यकताओं के कारण रक्तचाप को बढ़ाती है. यह प्रक्रिया हृदय को अधिक ब्लड पंप करती है और अंग पर एक अतिरिक्त दबाव बनाती है.
वहीं ये हाई ब्लड प्रेशर भी धमनियों की दीवार में कोलेस्ट्रॉल के टुकड़े को अलग कर सकता है, जिससे थक्का निर्माण होता है जो रक्त वाहिका को अवरुद्ध करता है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है. इसके अलावा, एक उच्च वसा वाला भोजन एंडोथेलियम के कार्य को नुकसान पहुंचाता है, जो कि धमनियों की आंतरिक परत है. शोधकर्ताओं ने पाया कि ज़्यादा भारी भोजन खाने के दो घंटे के भीतर दिल का दौरा पड़ने के खतरे को लगभग चार गुना बढ़ा जाता है. ये ट्रिगर बहुत अधिक शारीरिक परिश्रम या तेज गुस्से की तरह कार्य करता है, विशेष रूप से ऐसे लोगों में जिन्हें पहले से हृदय रोग हो, जैसे कि कोरोनरी धमनियों की बीमारी या पहले भी दिल का दौरा.
हालांकि भारतीय भोजन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के संतुलित अनुपात के साथ स्वस्थ है. पर फिर भी आप लोगों के लिए इन्हें ठूस-ठूस कर खाना नुकसान पहुंचा सकता है. वहीं क्रीम या मक्खन के साथ गहरे तले हुए खाद्य पदार्थों का ज़्यादा सेवन करना भी दिल की बीमारियों को आसानी से ट्रिगर कर सकता है. तो खाना आधा पेट ही खाएं और ध्यान रखें कि आपकी थाली में हरी सब्जियां और फल ज़्यादा हों और तेल वाली चीजें कम.