Netaji Subhas Chandra Bose Birth Anniversary: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को देशभर में आधिकारिक तौर पर पराक्रम दिवस के तौर पर जाना जाता है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे प्रमुख लोगों में से एक थे. ऐसे में उनकी जयंती को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. नेताजी का जन्म 23 जनवरी, 1897 को हुआ था. वह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आजाद हिंद फौज के प्रमुख थे. आजादी के आंदोलन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने अंग्रेजों को खुले तौर पर चुनौती दी, जिसकी वजह से वह भारतीयों के बीच नायक बन गए.
सुभाष चंद्र बोस महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी आंदोलन में शामिल हुए. आगे चलकर वह 1938 में पार्टी के अध्यक्ष भी बने. हालांकि, ब्रिटिश भारत के भविष्य को लेकर अन्य नेताओं के साथ उनके मतभेद हो गए, जिसके चलते उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया था. आज देश का हर एक नागरिक उनके द्वारा किए गए बलिदान का कृतज्ञ है. नेताजी की मौत रहस्यों से घिरी रही है.
नेताजी ने देश के लोगों में देशभक्ति की भावना को जगाने के लिए कई महत्वपूर्ण नारे दिए. आइए आज ऐसे ही कुछ नारों या कहें कोट्स के बारे में जानते हैं.
- तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा.
- आजादी मांगने से नहीं, छीनने से मिलेगी.
- यह हमारा कर्त्तव्य हैं की हम अपनी आजादी के लिए खून बहाए. आजादी जिसे हम अपने बलिदान और मेहनत के जरिए पाएंगे, हम अपनी ताकत से देश की रक्षा करने में सक्षम होंगे.
- सैनिक जो हमेशा अपने देश के प्रति वफादार रहते हैं, जो हमेशा अपने जीवन बलिदान के लिए तैयार होते हैं, वो अजेय हैं.
- राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्श सत्य, शिव और सुन्दर से प्रेरित है.
- अगर झुकने की नौबत आ जाए, तब भी वीरों की तरह ही झुके.
- संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमें आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ, जो पहले मुझमें नहीं था.
- अगर जीवन में संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़े, तो जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता.
- आशा की कोई न कोई किरण होती है, जो हमें कभी जीवन से भटकने नहीं देती.
- सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है. इसलिए किसी को भी असफलता से घबराना नहीं चाहिए.