Baby Massage In Summer: बच्चों की मालिश 1-2 महीने से शुरु हो जाती है जो 1-2 साल तक चलती है. ज्यादातर लोग शिशु की मालिश करना फायदेमंद मानते हैं. हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि मालिश से सिर्फ ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और बच्चे को अच्छी नींद आती है, लेकिन दादी-नानी का मनना है मालिश से शरीर मजबूत बनता है और बच्चे का विकास अच्छी तरह से होता है. बचपन से ही अगर बच्चे की देखभाल अच्छी तरह से की जाए तो स्वास्थ्य अच्छा रहता है. बच्चे के सिर की मालिश करने से बाल घने और मजबूत बनते हैं. रोजाना बच्चे की मालिश करने से बच्चा काफी एक्टिव महसूस करता है. हालांकि ये जानना भी जरूरी है कि आप कौन से तेल से मालिश करें. बच्चे की मालिश करते वक्त सही तेल का चुनाव करना बहुत जरूरी है. आपको सीजन के हिसाब से बच्चे की मालिश करने के लिए तेल चुनना चाहिए. गर्मी में शिशु की मालिश के लिए ठंडा तेल इस्तेमाल करें. जानते हैं गर्मी में कौन से तेल से शिशु की मालिश करनी चाहिए. 


गर्मी में कौन से तेल से करें शिशु की मालिश 
गर्मी में बच्चे की मालिश करते वक्त आपको ठंडक देने वाले तेल का चुनाव करना चाहिए. आप हल्का सा नारियल का तेल लेकर मालिश कर सकते हैं. नारियल तेल को स्किन आसानी से सोख लेती है. इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्‍टीरियल गुण पाए जाते हैं जो कई तरह के इंफेक्शन से बचाते हैं. इसके अलाव गर्मी में तिल के तेल से भी मालिश कर सकते हैं. इससे हड्डियां मजबूत बनती हैं.


शिशु की मालिश के फायदे
1- बच्चे की मालिश करने से कई फायदे मिलते हैं. मसाज करने से बच्‍चा सुरHeक्षित महसूस करता है और कम रोता है.
2- मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है जिससे शरीर में गरमाई आती है.
3- मालिश से हाथ और पैरों में ब्लड फ्लो अच्छा होता है. इसके अलावा पाचन अच्छा होता है. 
4- तेल से मालिश करने से बॉडी रिलेक्स होती है और अच्‍छी नींद आती है.
5- प्रीमैच्‍योर बच्‍चों की मालिश करने से वजन बढता है, हार्ट रेट संतुलित रहता है.
6- कहते हैं मालिश करने से और सिर पर चंपी करने से बच्चे का दिमाग भी बेहतर काम करता है.
7- शिशु की मालिश करने से हड्डियां मजबूत बनती हैं और बच्चा फुर्तीला बनता है.
8- मालिश करने में बच्चा रोता है जिससे गला और भूख खुलती है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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