Signs of Stubborn Child: हर पेरेंट्स अपने बच्चों को हमेशा खुश देखना चाहते हैं इसलिए वो हर कोशिश करते हैं कि बच्चों को सारी सुविधाएं दें. वो चाहते हैं कि जो सुविधाएं उन्हें नहीं मिल पाईं, वो सारी सुविधाएं अपने बच्चों को दें. लेकिन हमेशा ये कहा जाता है कि किसी भी चीज की अति गलत होती है. अगर आप अपने बच्चे को हर सुविधा देते हैं और उसकी हर जिद पूरी करते हैं तो वो उन चीजों की अहमियत करना बंद कर देते हैं. बच्चों की परवरिश एक कड़क रस्सी की तरह होती है जिसमें आपने थोड़ी सी भी ढील दी तो रस्सी छूट सकती है. रस्सी में ढील न आ जाए इसके लिए आपको बैलैंस बनाने की आवश्यकता होती है., उसी तरह माता पिता को भी बच्चों की परवरिश करते समय प्यार और अनुशासन को मैनेज करना होता है. अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आपका बच्चा बिगड़ जाता है. आपको कुछ ऐसे संकेत बताते हैं जिनकी मदद से आप जान सकते हैं कि आपका बच्चा बिगड़ गया है. इन संकेतों को जानकर आप बच्चे को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते है.
इन संकेतों पर दें ध्यान
1. न नहीं सुन पाता बच्चा
बिगड़ैल बच्चों के लिए उन्हें ना कहना मुश्किल हो सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन बच्चों ने बचपन से कभी न नहीं सुना होता. वहीं अगर आप किसी बात के लिए मना करते हैं तो बच्चा गुस्से में आ जाता है और चीखने चिल्लाने लगता है.
2. बात ना मानना
बच्चों को बचपन से ही अच्छी बाते सिखाने की कोशिश करनी चाहिए. यदि आपका बच्चा अक्सर बुनियादी चीजों को करने से मना करता है और आप भी उसे डांटते नहीं हैं तो आपका बच्चा बिगड़ने लगता है. उनके बिगड़ने के पीछे आपका बहुत बड़ा हाथ होता है.
3. संतुष्ट ना होना
आपका काम सिर्फ बच्चों को सुविधा देना नहीं है बल्कि उन्हें चीजों के प्रति आभारी रहना सिखाना भी आपकी जिम्मेदारी होती है. अपने बच्चे को अच्छी आदते सिखाने से बच्चा ग्राउंडेड रहता है. कभी घमंडी नहीं बनता है. वहीं अगर आप इन बेसिक चीजों को अपने बच्चों को नहीं सिखा पाते हैं तो बच्चा बड़ा होकर लालची और घमंडी बनता है.
4. स्पोर्ट्स स्पिरिट की कमी
खेल के दौरान आपका बच्चा जिस तरह से व्यवहार करता है वो उसके बारे में बहुत कुछ बता सकता है. यदि वे हारने पर खेल को रोकता है या रोना शुरू कर देता है तो समझ जाइए कि उसमें खेल भावना की कमी है. हारने के बाद बुरा लगना अब पूरी तरह से सामान्य है, लेकिन आप कैसे रिएक्ट करते हैं ये बहुत जरूरी होता है.
अपने बच्चे को कैसे सुधारे ?
माता पिता अपने बच्चे के व्यवहार के लिए उतने ही जिम्मेदार होते हैं जितना बच्चा होता है. अगर माता पिता अपने बच्चे को सुधारना चाहते हैं तो उसके लिए एक बाउंड्री सेट करें. जब आप अपने बच्चे पर रोक टोक लगाना शुरू कर देंगे तो वो अनुशासित बनेंगे. उनके सामने एक अच्छा माहौल बनाएं जिससे वे आपसे अच्छी बाते सीखें. बच्चे अपने आस पास के माहौल से बहुत कुछ सीखते हैं. उनपर आस पास की बातों का काफी असर पड़ता है.
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