Parenting Tips: दुनिया के हर माता-पिता की यह इच्छा रहती है कि उनके बच्चे का भविष्य सुनहरा हो. ऐसे में बच्चे किसी भी चीज में पीछे रहते हैं तो माता-पिता परेशान होने लगते हैं. कई बार यह चिंता इतनी बढ़ जाती है कि वह अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करने लगते है. इस कारण जाने अनजाने उनके बच्चों के मन पर मानसिक दबाव बढ़ता है. इसके साथ माता-पिता का मन भी असंतुष्ट रहने लगता है. बच्चों के मन में नेगेटिव भावनाएं उत्पन्न होने लगती है और वह अपने आप को दूसरों से कम समझने लगते हैं. ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिससे आप इस तुलना करने वाली आदत से बच सकते है. तो चलिए जानते हैं इस बारे में-
पॉजिटिव Attitude है जरूरी
माता-पिता यह अक्सर सोचते हैं कि अगर वह अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चे से करेंगे तो वह जल्द चीजों को सीखेंगे. लेकिन, यह सोच बिल्कुल गलत है. यह आपके गुड पेरेंटिंग और पॉजिटिव Attitude पर निर्भर करता है कि बच्चा कितनी जल्दी किसी चीज को सिखेगा. बच्चों के परवरिश के लिए पॉजिटिव नजरियां बहुत जरूरी है.
बच्चों की तुलना करना है गलत
तुलना करने से बच्चों के मन में हीनता की भावना आती है. इसके साथ ही यह उनके विकास पर भी असर डालता है. यह उसकी शारीरिक क्षमता पर असर डालता है. हर बच्चे की परवरिश अलग-अलग माहौल में होती है. सभी बच्चों की अपनी-अपनी क्षमता होती है इसलिए हम किसी भी बच्चे को किसी दूसरे बच्चे से कंपेयर नहीं कर सकते हैं. इसके साथ ही इस तुलना से आपके और बच्चों की बीच दूरी भी आ सकती है. बच्चों के मन में भी तनाव पैदा हो जाता है और वह अपनी छोटी-छोटी अचीवमेंट को भी एंजॉय नहीं कर पाते हैं.
बच्चों पर करें भरोसा
माता-पिता और बच्चों के बीच भरोसे का रिश्ता रखना बहुत जरूरी है. यह भरोसा बच्चे के सही विकास के लिए भी बहुत जरूरी है. यह बच्चे को गलत राह पर जाने से रोकता है. इसके साथ आप बच्चों की तारीफ भी करें. उनकी छोटी-छोटी उपलब्धि की भी तारीफ करें. यह बच्चों में खुद के प्रति विश्वास जगाने में मदद करेगा.
बच्चों के साथ रखें संयम
बच्चों की परवरिश तभी अच्छे ढंग से हो सकती है जब आप उनके साथ धर्य के साथ पेश आएंगे. बच्चों को गलती सुधारने का मौका दें और आप उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं.
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