Parenting Tips: बच्चों को रसोई में इंवॉल्व करना है अच्छा आइडिया, पर्सनैलिटी डिवेलपमेंट में मिलती है मदद
Kids Personality Development Tips: बच्चे को स्मार्ट और इंटेलिजेंट बनाना है तो सिर्फ कंप्यूटर में ही व्यस्त न रखें, कभी-कभी किचन में भी इंवॉल्व करें. रसोई के कामों से बच्चा क्या सीखता है, यहां जानें
Child Development: सिर्फ किताब (Book) और कंप्यूटर (Computer) के बीच ही बच्चे के व्यक्तित्व का विकास (Personality Development) नहीं होता है. बल्कि बच्चे (Kids development) का संपूर्ण विकास अपने हम उम्र बच्चों के साथ ग्राउंड में खेलने पर (Ground Play), मम्मी के साथ किचन (Kitchen) में हाथ बंटाने पर दादा-दादी, नाना-नानी (Grandparents) के साथ कहानियां सुनने (Storytelling) के दौरान होता है. क्योंकि इन सभी गतिविधियों अलग-अलग समय पर में बच्चे का ब्रेन (Childs brain) और बॉडी दोनों ऐक्टिव रहते हैं. बाकी सब तो ठीक है लेकिन अगर आप जानना चाहते हैं कि किचन में काम करना बच्चे के लिए किस तरह पर्सनैलिटी डिवेलपमेंट (Child Personality Development) का हिस्सा है तो इस बारे में यहां बताया जा रहा है...
रसोई में मां के साथ समय बिताने के दौरान और उनका हाथ बंटाने के बहाने सबसे पहले तो बच्चा सेहत से जुड़ी कई बातें सीखता है. वह जान पाता है कि उसके भोजन के लिए कौन-सी चीजें जरूरी होती हैं ताकि वह स्वस्थ रह सके. क्योंकि मां इस दौरान बच्चे को सभी हेल्दी चीजों के बारे में जानकारी दे सकती हैं. इसके अलावा बच्चा मसालों की गंध को पहचानने लगता है. आप उसके लिए इसे किचन गेम की तरह भी विकसित कर सकती हैं. कि वह आंख बंद करके सिर्फ सूंघकर बताए कि ये किस मसाले की गंध है. इससे बच्चे की सूंघने और गंध को पहचानने की क्षमता विकसित होती है. यानी नोज और ब्रेन के बीच एक कॉर्डिनेशन डिवेलप होता है.
हैंड मूवमेंट और कॉर्डिनेशन
रसोई में काम करना बिल्कुल भी आसान नहीं होता है, यह बात हर महिला जानती है. क्योंकि इस दौरान आपका ब्रेन और हाथ एक साथ कई काम कर रहे होते हैं. ताकि चूल्हे पर रखा हुआ खाना भी ना जले और आटा गूंथते समय पानी भी ज्यादा ना डले. हालांकि आप बच्चे से इतने कठिन काम नहीं करा सकते. लेकिन उससे सलाद काटना, खीरा छीलना, अंडा फेंटना, चाय बनाना, हल्दी का दूध तैयार करना. सेडविच के लिए फिलर तैयार करना इत्यादि तो करा ही सकते हैं.
बच्चे की क्यूरियोसिटी बढ़ती है
किचन में काम करने के दौरान बच्चे की जानने और नई चीजें सीखने की इच्छा में विकास होता है. वह देखकर खुश होता है कि जिस रोटी को बेलकर मां ने तवे पर डाला वो सिकने के दौरान कैसे रंग बदल लेती है. चीला बनाने के लिए फ्लैट पेन में डाला गया बेसन का घोल, कैसे एक ठोस और मुलायम रोटी की शक्ल में तैयार हो जाता है. इस तरह की चीजें बच्चे में क्यूरियोसिटी को बढ़ाती हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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