(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Parenting Tips: साल 2023 में खूब काम आएंगे ये पैरेंटिंग टिप्स, इस साल ट्रेंड पर रही माता-पिता की ये आदतें
इस साल माता-पिता की कुछ ऐसी आदतें रही जो बच्चों को खूब पसंद आई और इसके चलते बच्चों में भी बदलाव देखे गए. आज इनके बारे में जानिए.
Parenting Tips: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ाई-लिखाई से लेकर खेलकूद और अन्य गतिविधियों में आगे रहे और जीवन में अच्छा काम करें. बच्चें के शारीरिक और मानसिक विकास में माता-पिता एक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अगर घर का माहौल और माता पिता के द्वारा बताई गई बातें अच्छी हो तो बच्चा कई बातें सीखता है. आज इस लेख के माध्यम से माता-पिता की उन आदतों के बारे में जानिए जो साल 2022 में ट्रेंड पर रही और इसके चलते बच्चों में भी बदलाव देखा गया. इन आदतों को आप नए साल के लिए भी कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं और बच्चों को बेहतर और अच्छी सीख देने में ये सहायक भी हैं.
कोरोना काल के बाद से माता-पिता की आदतें और बच्चों के प्रति उनका व्यवहार बदल गया है. माता-पिता की कई आदतें इस साल ऐसी रही तो बच्चों को खूब पसंद आई. जानिए इनके बारे में-
स्क्रीन टाइम
पहले ये देखा जाता था कि माता-पिता बच्चों को लैपटॉप, मोबाइल या स्मार्टफोन पर ज्यादा देर नहीं खेलने देते थे. अगर बच्चा जरूरत से ज्यादा इनका इस्तेमाल करता था तो माता-पिता उसे डांट देते थे. हालांकि कोरोना काल के बाद से अधिकतर कामकाज स्मार्ट गैजेट के माध्यम से ही हुई हैं जिसके चलते अब माता-पिता ने भी अपनी आदतों में बदलाव किया है और वे खुद बच्चों को इन गैजेट्स का इस्तेमाल करने के लिए कहते हैं. पढ़ाई-लिखाई से लेकर मनोरंजन तक, बच्चा कई नई बातें इन गैजेट के माध्यम से सीखता है और ये बच्चों को पसंद भी आ रहा है. स्मार्ट गैजेट और माता-पिता की इस आदत की वजह से बच्चों में सकारात्मक बदलाव देखा गया है.
अनफिल्टर्ड बातचीत
पिछले साल के मुकाबले इस साल माता-पिता संवेदनशील मुद्दों पर अपने बच्चों के साथ बातचीत करने में अधिक खुले हैं और उन्हें सारी बातें बता रहे हैं. ये जरूरी भी है कि परिवार में सभी बातें खुलकर की जाएं और बच्चों को भी अलग-अलग चीजों के बारे में जानकारी दी जाए. बदलते समय में बच्चों को भी माता-पिता की ये आदत पसंद आती है और वे भी खुलकर उन्हें सभी बातें बताते हैं.
ज्यादा घुलमिल रहे पिता
जब भी बात बच्चों के पालन पोषण की आती है तो इससे जोड़कर मां का ही नाम लिया जाता है. हालांकि इस साल ट्रेंड बदला और माता-पिता दोनों ने बच्चे के पालन पोषण की जिम्मेदारियां मिलकर पूरी की और पुरुषो ने बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताया. बच्चों के खेलने,पढ़ाई-लिखाई से लकर अन्य कई गतिविधि में पुरषो ने जमकर अपना समय परिवार को दिया.
चीजों पर अनुभव
इस साल माता-पिता ये बात भी समझे कि बच्चों को उनकी क्षमताओं को जानने के लिए ढील देना भी जरूरी है. बच्चा जब कोई काम खुद से करता है तो वो उससे कुछ एक्सपीरियंस प्राप्त करता है जिससे उसे आगे मदद मिलती है. पेरेंट्स ने बच्चों को कई तरह की गतिविधियों में शामिल किया जिससे उन्हें कई नई चीजों के बारे में जानकारी मिली. कॉम्पिटेटिव वर्ल्ड में ये जरूरी भी है कि माता-पिता बच्चों को मौका दें और अलग-अलग गतिविधियों में शामिल करें.
खुशियों को रिकॉर्ड करना
हम सभी एक डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में बच्चों की खुशियों और तमाम अच्छी मेमोरी को रिकॉर्ड करना भी एक अच्छी आदत है. इस साल माता-पिता ने ये काम खूब बढ़-चढ़कर किया जो बच्चो को भी पसंद आया. फिर चाहे ये स्कूल की यादें हो, परिवार-पार्टी या अन्य कुछ भी.
जेंडर न्यूट्रल पेरेंटिंग
माता-पिता काफी हद तक ये बात समझ गए है कि लड़का या लड़की दोनों का पालन पोषण एक समान होना चाहिए. दोनों को सामान अवसर दिए जाने चाहिए जिससे बच्चों का विकास अच्छे से हो सके. बच्चों को भी ये बात अच्छी लगती है जब उन्हें बिना भेदभाव के ट्रीट किया जाता है.
परेशानी पर खुलकर बात
महामारी के बाद से मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बातचीत और चर्चा करना माता-पिता की आदतों में रहा है. माता पिता अब बच्चे के साथ खुलकर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बातचीत करते हैं जो एक अच्छी आदत है. इससे बच्चा अपने पेरेंट्स के साथ और खुलता है जो उसके आगे के जीवन के लिए जरुरी है.