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गजब के टैलेंटेड होते हैं वर्किंग मॉम के बच्चे, हर सिचुएशन को अच्छी तरह करते हैं डील- स्टडी
एक स्टडी में पता चला है कि वर्किंग मॉम की घर पर रहने वाली मांओं की बेटियों की तुलना में 23 परसेंट ज्यादा पैसा कमाती हैं. जिन लडकों की मां वर्किंग हैं, वे भी फीमेल कलीग के साथ काफी सपोर्टिव होते हैं.
Parenting Tips : वर्किंग वुमेन का काम आसान नहीं होता है. एक तरफ फैमिली की रिस्पॉन्सबिलिटी, दूसरी तरफ ऑफिस का काम, हर समय एक्टिव रहना पड़ता है. दोनों जगह की जिम्मेदारी उठाते-उठाते वे मेंटल लेवल पर काफी स्ट्रॉन्ग बन जाती हैं. हाल ही में एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि वर्किंग मॉम (Working Mom) के बच्चे घर पर रहने वाली मांओं की तुलना में ज्यादा हैप्पी होते हैं. फ्यूचर में उनका परफॉर्मेंस भी काफी अच्छा होता है. आइए जानते हैं क्या कहती है यह रिपोर्ट...
बच्चों पर वर्किंग मॉम का इफेक्ट
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के रिसर्चर ने 29 देशों में 100,000 से ज्यादा पुरुष और महिलाओं पर सर्वे किया. इसमें भारत की महिलाओं को भी रखा गया. इस सर्वे में पता लगाया गया कि वर्किंग मॉम का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है और वे अपने बच्चों को कितना वक्त दे पाती हैं. इस स्टडी में जो बात सामने आई, वह हैरान कर देने वाली थी, क्योंकि पता चला कि वर्किंग मॉम के बच्चे घर पर रहने वाली मॉम के बच्चों की तुलना में गजब के टैलेंटेड होते हैं. ऐसी महिलाओं का प्रभाव बेटे और बेटियों पर समान रूप से पड़ता है. वर्किंग मॉम की बेटियां ज्यादा आत्मनिर्भर रहती हैं.
वर्किंग मॉम बच्चों की रोल मॉडल
रिसर्च के मुताबिक, वर्किंग मॉम के बच्चे इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि उनकी मॉम के पास कम वक्त होता है. इस तरह बच्चे कम समय में काफी सजग और समझदार हो जाते हैं. बच्चे भी अपनी मॉम के साथ अच्छा समय बिताते हैं. वे उनकी बातों को हल्के में नहीं लेते और उन्हें अपना रोल मॉडल मानते हैं. वर्किंग मॉम का प्लस पॉइंट यह होता है कि वे बच्चों की फाइनेंशियल डिमांड को पूरी कर सकती हैं. कई तरह की रिस्पॉन्सबिलिटी होने की वजह से वे कोई भी डिसीजन काफी अच्छी तरह ले सकती हैं. बच्चों को अच्छी स्किल सिखा सकती हैं. उन्हें टाइम मैनेजमेंट की बेहतर सीख दे सकती हैं.
आर्थिक आत्मनिर्भरता पर रहता है फोकस
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल की स्टडी में पता चला है कि वर्किंग मॉम के साथ जो बेटियां बड़ी होती हैं, वे घर पर रहने वाली मांओं की बेटियों की तुलना में 23 परसेंट ज्यादा पैसा कमाती हैं. जिन लडकों की मां वर्किंग हैं, वे भी अपने ऑफिस में फीमेल कलिग के साथ काफी सपोर्टिव होते हैं. उनका विश्वास जेंडर इक्वलिटी में होता है. वर्किंग मॉम के ज्यादातर बच्चे डे केयर में बड़े होते हैं, इसलिए उनमें सोशलाइजेशन और कम्युनिकेशन स्किल काफी अच्छी देखने को मिलती है.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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