कभी न कभी ऐसी स्थिति बन जाती है, जिसमें छोटा हो या बड़ा हर कोई झूठ बोलने पर मजबूर हो ही जाता है. लेकिन कई बार छोटे बच्चे डांट से बचने के लिए झूठ बोलने लगते हैं. इससे अधिकतर माता-पिता परेशान हो जाते हैं.


ऐसे पकडे़ बच्चों का झूठ


अगर आप भी कई बार इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं, कि आपका बच्चा झूठ बोल रहा है या सच, तो अब आपको कंफ्यूज और परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप इन संकेत से पता लगा सकते हैं कि आपका बच्चा आपसे झूठ बोल रहा है या सच. 


आंखों में नहीं देखना


डांट और माता-पिता के गुस्से से बचने के लिए अक्सर बच्चे झूठ बोलते हैं. ऐसे में जब भी वे झूठ बोलते हैं, तो वे अपने माता पिता की आंखों में देखने से बचते हैं. यानी अगर आपका बच्चा आपसे झूठ बोल रहा है, तब वह आपकी आंखों में नहीं देखेगा इससे आप समझ सकते हैं कि वह झूठ बोल रहा है. 


रुक-रुक कर बातें करना


झूठ बोलते वक्त अक्सर बच्चे कहानी बनाते हैं. ऐसे में भी रुक रुक कर अपने माता-पिता से बात करते हैं. जब भी आपको ऐसा लगे कि आपका बच्चा सोच कर या रुककर बोल रहा है, तो इसका साफ मतलब है कि वह आपसे झूठ बोल रहा है.


टॉपिक से हटके बात करना


यही नहीं अगर आपका बच्चा टॉपिक से बाहर जाता है या बात को बदलने की कोशिश करता है और आपके सवालों का जवाब देते वक्त वह कहानी को कहीं और लेकर जाता है, यानी जो बात आप उससे कर रहे हो उसको एक दम बदल देता है और आपको किसी और की इमोशन स्टोरी सुनाने लगता है, तो इसका मतलब है कि वह आपसे झूठ बोल रहा है.


चेहरे के एक्सप्रेशन में बदलाव


आप हमेशा एक चीज को नोटिस करें, जब भी आपका बच्चा सच बोलता है. तब उसके चेहरे के एक्सप्रेशन, बात करने का तरीका साथ ही फिजिकल मूवमेंट यह सब एकदम बदल जाते हैं, जब आपका बच्चा झूठ बोलने लगता है. इससे भी आप समझ सकते हैं कि आपका बच्चा आपसे झूठ बोल रहा है. आप इन सभी संकट से पता कर सकते हैं, कि आपका बच्चा झूठ बोल रहा है या नहीं. अगर आपका बच्चा झूठ बोलता है और वह अपनी गलती मान लेता है, तो आप उसे चिल्लाएं और डांटे नहीं इसके बदले प्यार से बैठाकर समझाएं.


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