हर माता-पिता की यही ख्वाहिश होती है कि वे अपने बच्चे के दिल और दिमाग को समझ सकें. बच्चों के मन में क्या चल रहा होता है, यह जानना कभी-कभी एक चुनौती बन जाता है. कई बार माता-पिता समझ नहीं पाते हैं और बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं. वे अपनी एक अलग दुनिया में रहते हैं, जहां उनकी अपनी भावनाएं, सपने, और चिंताएं होती हैं. अक्सर, माता-पिता यह सोचकर परेशान हो जाते हैं कि उनका बच्चा खुश है या नहीं, उसे किसी चीज की चिंता तो नहीं, या वह स्कूल में अच्छा कर रहा है या नहीं. इन सवालों के जवाब ढूंढने के लिए, और अपने बच्चे के करीब आने के लिए, माता-पिता को ये आसान टिप्स अपनाने चाहिए. 


जानें



  • खुल कर बातचीत करें: अपने बच्चे के साथ दोस्त की तरह बातचीत करें. उनसे उनके दिन के बारे में पूछें, उनकी पसंद-नापसंद के बारे में जानें।.इससे वे आपसे खुलकर बात करेंगे.

  • सुनने का महत्व: जब आपका बच्चा आपसे कुछ कहे, तो ध्यान से सुनें. उन्हें यह अहसास दिलाएं कि आपके लिए उनकी बातें महत्वपूर्ण हैं. अगर आप ध्यान से बातें सुनेंगे तो बच्चे अपनी बातें बतानें में रुची दिखाएंगे. 

  • सहानुभूति दिखाएं: अगर बच्चा किसी समस्या में है, तो उसे डांटने के बजाय सहानुभूति दिखाएं. उनकी भावनाओं को समझें और समाधान में उनकी मदद करें.

  • साथ में समय बिताएं: अपने बच्चे के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं. खेलें, पढ़ें, या साथ में कोई क्रिएटिव एक्टिविटी करें. इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा.

  • उनकी रुचियों का समर्थन करें: बच्चे की रुचियों और हॉबीज का समर्थन करें, चाहे वो कितनी भी अजीब क्यों न हों. उन्हें नई चीजें सीखने और एक्सप्लोर करने के लिए प्रोत्साहित करें.

  • नियम और सीमाएं तय करें: बच्चों को सुरक्षित और सुनिश्चित महसूस कराने के लिए नियम और सीमाएं जरूरी हैं. लेकिन इन्हें लागू करते समय संवेदनशील और सही रहें.

  • उन्हें विश्वास दिलाएं: बच्चों को यह विश्वास दिलाएं कि वे आपसे कुछ भी कह सकते हैं, और आप उन्हें समझेंगे और सपोर्ट करेंगे. उनकी बातें किसी और से शेयर न करें. शेयर करने से बच्चे बातें बताना बंद कर देते हैं. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें: 
हथेली पर क्यों आता है बेवजह पसीना, जानें किस बीमारी का है संकेत, क्या करना चाहिए