Parenting Tips: अपनी जिंदगी में कमाल करेगा बच्चा, गूगल सीईओ सुंदर पिचाई की लाइफ से यूं करें इंस्पायर
Life Lesson for Kids: सभी पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा अपनी जिंदगी में कुछ कमाल करें. आप उन्हें गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई की लाइफ से इंस्पायर कर सकती हैं.
अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई अपनी ह्यूमैनिटी, रेसिलेंस और इनोवेटिव माइंडसेट की वजह से विजनरी लीडर माने जाते हैं. भारत में पले-बढ़े सुंदर पिचाई ने अपनी पढ़ाई-लिखाई और टेक्नोलॉजी के प्रति उत्सुकता की बदौलत टेक इंडस्ट्री में अपनी धाक जमाई है. कामयाबी के साथ-साथ सुंदर पिचाई की जिंदगी भी अपनेआप में इंस्पायर करने वाली है. आप उनके आदर्शों की मदद से अपने बच्चे को भी अच्छी सीख दे सकती हैं, जिससे वह अपनी जिंदगी में कमाल कर सकता है. आइए आपको बताते हैं कि सुंदर पिचाई की लाइफ की कौन-सी बातें बच्चों को सिखाई जा सकती हैं?
अपनी जड़ों को कभी न भूलें
आप कामयाबी की भले ही कितनी भी सीढ़ियां चढ़ जाएं, लेकिन अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलना चाहिए. सुंदर पिचाई ने अपनी जिंदगी में भी यही किया है. उन्होंने कामयाबी हासिल करने के बाद भी अपने अंदर की इंसानियत को खत्म नहीं होने दिया. बच्चों को सिखाएं कि सफलता हासिल करने के बाद भी हमेशा जमीन से जुड़ा रहना चाहिए और हर किसी का सम्मान करना चाहिए.
पढ़ाई-लिखाई को कभी न करें नजरअंदाज
सुंदर पिचाई की स्कूलिंग चेन्नई के जवाहर विद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई. वहीं, उन्होंने वना वाणी स्कूल से 12वीं की. इसके बाद उन्होंने पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की. सुंदर पिचाई ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैटेरियल्स साइंस और इंजीनियरिंग में एमएस और पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. सुंदर पिचाई ने पढ़ाई-लिखाई से कभी समझौता नहीं किया. ऐसे में बच्चों को बताएं कि पढ़ाई-लिखाई करके ही तरक्की के रास्ते खोले जा सकते हैं.
धैर्य के साथ करें हर मुसीबत का सामना
सुंदर पिचाई आज भले ही कामयाब हैं, लेकिन टॉप पर पहुंचने से पहले उन्होंने तमाम दिक्कतों का सामना किया. हालांकि उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हारी. बच्चों को जरूर बताएं कि चैलेंज का डटकर सामना करना चाहिए और हार से सीखकर आगे बढ़ना चाहिए.
हमेशा भविष्य के बारे में सोचें
सुंदर पिचाई के नेतृत्व में गूगल ने कई बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे एआई और ड्राइवरलेस कार पर काम किया. बच्चों को सिखाना चाहिए कि हमेशा बड़े सपने देखें और अपने गोल्स को बिना डरे हासिल करें.
बदलाव को हमेशा करें स्वीकार
सुंदर पिचाई की कामयाबी का राज यह है कि उन्होंने हर तरह के बदलाव को स्वीकार किया, जिसके चलते उन्होंने लगातार नए कीर्तिमान कायम किए. बच्चों को सिखाना चाहिए कि वे हमेशा फ्लेक्सिबल रहें और बदलाव को खुले दिल से स्वीकार करें, जिससे उन्हें कामयाब होने से कोई नहीं रोक पाएगा.
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