माता-पिता बनना बहुत बड़ी खुशी की बात होती है. यह पल हर किसी के लिए यादगार रहता है. लेकिन कुछ चीजों की वजह से पति और पत्नी को एक दूसरे को तलाक देना पड़ता है. लेकिन तलाक के बाद बच्चे का क्या होता है, यह कभी किसी ने सोचा है?


ऐसी ही स्थिति फिलहाल हार्दिक पांड्या और नताशा स्टेनकोविक की हो रही है. दोनों ने एक दूसरे से तलाक ले लिया है. ऐसे में तलाक के बाद हार्दिक और नताशा अपनी बेटी अगस्त्या की को-पेरेंटिंग करने जा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर को-पेरेंटिंग होती क्या है? अगर नहीं तो यह खबर आपके लिए है. आज हम आपको बताएंगे कि को-पेंटिंग क्या होती है? 


को-पेरेंटिंग का मतलब


को-पेरेंटिंग का मतलब होता है तलाकशुदा माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश मिलकर करते हैं. यानी तलाक के बाद वे अलग-अलग तो हो जाते हैं, लेकिन उनके बच्चे की परवरिश को यानी बच्चों को प्यार देना, बच्चों की सुरक्षा करना, उसकी जिम्मेदारियां उठाना सब कुछ दोनों माता पिता मिलकर करते हैं. तलाक के बाद बच्चे के माता-पिता भले ही एक छत के नीचे नहीं रहते हैं लेकिन फिर भी अपने बच्चों को एक स्थिर वातावरण देते हैं.  


बच्चों की पूरी जिम्मेदारियां


को-पेरेंटिंग में दोनों माता-पिता को अपने बच्चों की पूरी देखभाल, उसकी पढ़ाई, उसका स्वास्थ्य और बाकी जिम्मेदारियां का ध्यान रखना होता है. इसके अलावा जब बच्चा बड़ा हो जाता है, तो उससे जुड़े कई फैसले माता-पिता को मिलकर लेना होते हैं.


यही नहीं दोनों माता-पिता को बच्चों के साथ इक्वल और क्वालिटी टाइम भी बिताना होता है. भले ही माता-पिता अलग हो रहे हो, लेकिन फिर भी दोनों के बीच में अच्छा संचार होता है, ताकि आगे चलकर बच्चों की जरूरत को पूरा किया जा सके. 


को-पेंटिंग करने का कारण


को-पेंटिंग करने का सबसे बड़ा कारण होता है कि माता-पिता अपने बच्चों को खुश रख सके और उसकी देखभाल कर सकें. दोनों माता-पिता मिलकर बच्चे की जिंदगी को ज्यादा बेहतर बना सके.  यह इसीलिए करते हैं ताकि बच्चा अकेलापन महसूस ना करें और चुनौतियों का सामना अकेले ना करें.


को-पेरेंटिंग इतना आसान नहीं होता है, लेकिन अगर माता-पिता चाहे तो वह बच्चे की भलाई के लिए को-पेरेंटिंग कर सकते हैं. को-पेरेंटिंग को कई सेलिब्रिटी फॉलो कर रहे हैं और इस लिस्ट में अब हार्दिक पांड्या और नताशा का भी नाम जुड़ गया है. दोनों तलाक के बाद अपनी बच्ची अगस्त्य की को-पेंटिंग करने का फैसला ले रहे हैं. 


को-पेंटिंग वाले पेरेंट्स के बीच रोमांस


बता दें कि को-पेंटिंग करने वाले पेरेंट्स के बीच में रोमांस नहीं होता है, वह दोनों सिर्फ बच्चे की खुशी के लिए एक साथ दिखाई देते हैं. इस रिश्ते को ज्वाइन पेरेंटिंग भी कहा जाता है. जब भी आप बच्चे की को-पेरेंटिंग करें, तो अपनी पुरानी बातों को बीच में लेकर न आए क्योंकि इससे आप दोनों के झगड़े बढ़ते चले जाएंगे और बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है.


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