बच्चे मन के सच्चे होते हैं. उन्हें जिस तरह ढाल दो, वे उस तरह काम करने लगते हैं. यही वजह है कि बच्चों को कम उम्र से ही धीरे-धीरे हर चीज सिखाने की सलाह दी जाती है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि उन्हें पैसे बचाना और बचत करना किस उम्र से सिखाना शुरू करना चाहिए? आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.


इस उम्र से बच्चे को सिखाना जरूरी


बच्चा जब बड़ा होने लगता है तो उसके फ्यूचर को लेकर पैरेंट्स चिंता करने लगते हैं. कोई करियर के बारे में सोचता है तो कोई उसके लिए बैंक बैलेंस को लेकर प्लानिंग करने लगता है. बच्चों के लिए ये सब बेहद जरूरी है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि उन्हें भी बचपन से काफी चीजें सिखाई जानी चाहिए. इनमें से एक बचत करना भी है. जब बच्चा चीजों को समझने लायक हो जाए तो उसे पैसे की अहमियत के बारे में बताना चाहिए. साथ ही, उसे पैसा बचाना भी सिखाना चाहिए. यह उम्र चार से पांच साल हो सकती है, क्योंकि उस वक्त तक बच्चे हर चीज को काफी अच्छी तरह समझने लगते हैं.


फिक्स पॉकेट मनी से सेट करें ट्रेंड


बच्चों को बचत करना सिखाने का सबसे बेहतरीन तरीका यह है कि उन्हें फिक्स पॉकेट मनी दी जाए. उन्हें बताया जाए कि इस पैसे से ही उन्हें पूरे महीने अपनी जरूरत का सामान लेना है और यही पैसा उनकी मौज-मस्ती के भी काम आएगा. साथ ही, बच्चों को यह भी बताया जाए कि अब उन्हें पैसे अगले महीने ही मिलेंगे. इससे बच्चे धीरे-धीरे बचत करना सीख जाएंगे.


चाहत और जरूरत में अंतर समझाएं


हो सकता है कि जब बच्चे को पॉकेट मनी मिले तो वह नासमझी में सारा पैसा अपनी मौज-मस्ती पर ही खर्च कर दे. ऐसे में उसे चाहत और जरूरत के बीच का अंतर जरूर समझाएं. जब बच्चा इन दोनों को अच्छी तरह समझने लगेगा तो उसमें बचत करने की समझ भी डिवेलप हो जाएगी.


पैसे बचाने पर दें इनसेंटिव


बच्चों को बचत का तरीका सिखाने के लिए पिगी बैंक भी गिफ्ट कर सकते हैं. इससे वह थोड़े-थोड़े पैसे जोड़ना सीख सकता है. जब बच्चा कुछ पैसे जोड़ ले तो उन्हें बैंक में जमा करा दें, जिससे बचत करने की उसकी प्रैक्टिस बनती चली जाएगी. आप बच्चे को ज्यादा बचत करने के लिए प्रोत्साहित भी कर सकते हैं. इसके लिए आप यह देखें कि वह महीने में अपनी पॉकेट मनी से कितने रुपये बचा रहा है. अगर वह सही तरीके से बचत कर रहा है तो उसे इनसेंटिव देकर आप प्रोत्साहित भी कर सकते हैं, जिससे वह बचत को लेकर ज्यादा अलर्ट रहेगा. 


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