आजकल के माता-पिता अपने बच्चों से कई उम्मीदें रखते हैं और उन्हें तरह-तरह की गतिविधियों में व्यस्त रखने की कोशिश करते हैं. यह सोच कि बच्चे हर क्षेत्र में अव्वल रहें, उन पर और उनके माता-पिता पर एक दबाव बना देती है. इसकी वजह से बच्चों के दिमाग पर क्या असर पड़ता है. एक्सपर्ट के अनुसार, आज की पेरेंटिंग टिप्स बच्चों के मेंटल हेल्थ पर कैसे असर डाल रही हैं. ये सब देखकर ये सोचना जरूरी हो गया है कि कैसे बच्चों की अच्छी तरह पेरेंटिंग की जाए उनका मेंटल हेल्थ ठीक रहे. 






अत्यधिक दबाव और उम्मीदें
आजकल बच्चों पर पढ़ाई और दूसरी चीजों में बेहतर करने का बहुत दबाव होता है. इससे उनमें तनाव और चिंता बढ़ सकती है. जब उनसे हमेशा अच्छा करने की उम्मीद की जाती है, तो इसका उनके मन पर गहरा असर पड़ता है.





डिजिटल दुनिया की चुनौतियां
सोशल मीडिया और इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चे खुद को दूसरों से तुलना करने लगते हैं. इससे उनका आत्म-सम्मान प्रभावित होता है और वे अपने आप को कम आंकने लगते हैं. यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि इससे चिंता और तनाव बढ़ सकता है. 


परिवारिक बदलाव
परिवार के ढंग में हो रहे बदलाव, जैसे कि जब सिर्फ एक मम्मी या पापा होते हैं या दोनों ही काम पर जाते हैं, तो बच्चों पर इसका असर पड़ता है. ऐसे में बच्चे को कभी-कभी लग सकता है कि उन्हें किसी का पूरा साथ नहीं मिल रहा. इससे उन्हें भावनात्मक सहारे की कमी खल सकती है. 


बच्चों का आलसी होना 
जब माता-पिता बहुत सुरक्षात्मक होते हैं, तो बच्चे कम बाहर खेलते हैं. इससे उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है. वे ज्यादा समय घर में बिताने लगते हैं, जिससे उनमें आलस्य बढ़ सकता है. बाहर खेलना उनके लिए जरूरी है ताकि वे सक्रिय और स्वस्थ रह सकें.


एक्सपर्ट की सलाह
एक्सपर्ट्स का कहना है कि माता-पिता को अपने बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करनी चाहिए, उनके दबावों और चिंताओं को समझना चाहिए, उन्हें बुरे असर से बचाने के लिए, हमें उनकी मदद और सही दिशा देनी चाहिए. यह उन्हें सुरक्षित रखने में मदद करता है.