एक साल में शिशु का वजन कितना बढ़ना सही माना जाता है आइए जानते हैं एक्सपर्ट के अनुसार
क्या आप भी अपने छोटे से बच्चों के वजन को लेकर परेशान रहते हैं तो आइए जानते हैं कि एक साल में बच्चों का वजन कितना बढ़ना चाहिए..
क्या आप भी अपने छोटे बच्चे के वजन को लेकर परेशान रहते हैं? क्या आप भी सोचते हैं कि पता नहीं मेरा बच्चा ठीक से बढ़ रहा है या नहीं? तो चिंता की कोई बात नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि एक साल में बच्चे का वजन कितना बढ़ना चाहिए. आइए जानते हैं एक्सपर्ट के अनुसार..
पहले 6 महीने में शिशु का वजन
जब आपका प्यारा बच्चा दुनिया में आता है, तो उसका वजन आमतौर पर 2.5 से 3.5 किलो के बीच होता है. बच्चा अलग होता है, इसलिए चिंता न करें अगर आपके बच्चे का वजन इससे थोड़ा कम या ज्यादा हो. पहले 6 महीने यानी आधे साल में आपका बच्चा बहुत तेजी से बढ़ता है. 6 महीने में आपके बच्चे का वजन दोगुना हो जाना चाहिए. यानी जो बच्चा पैदा होते वक्त 3 किलो का था, वो अब 6 किलो का होना चाहिए.
6 महीने से 1 साल तक शिशु का वजन
पहले 6 महीनों के बाद, शिशु का वजन थोड़ा धीमी गति से बढ़ता है. हालांकि, वजन बढ़ना जारी रहता है. 1 साल के अंत तक, शिशु का वजन जन्म के समय के वजन का तीन गुना हो जाना चाहिए. उदाहरण के लिए, अगर शिशु का जन्म वजन 3 किलोग्राम है, तो 1 साल के बाद उसका वजन लगभग 9 किलोग्राम होना चाहिए. यह सामान्य वृद्धि है और शिशु के स्वस्थ होने का संकेत है. सही डाइट और देखभाल के साथ, शिशु का वजन सही तरीके से बढ़ेगा. याद रखें, हर शिशु अलग होता है, लेकिन इस सामान्य नियम से आप शिशु की हेल्थ का ध्यान रख सकते हैं.
2 साल की उम्र में
2 साल की उम्र तक बच्चे का वजन लगभग 12 से 15 किलोग्राम होना चाहिए. इसका मतलब है कि बच्चा धीरे-धीरे वजन बढ़ाता है. अगर बच्चा स्वस्थ और खुश है, तो थोड़ी बहुत कमी या ज्यादा वजन चिंता की बात नहीं है. बच्चे की नियमित जांच करवाना जरूरी है.
कुछ जरूरी बातें
- वजन में अंतर: हर बच्चे का वजन थोड़ा अलग हो सकता है. अगर बच्चा स्वस्थ और खुश है, तो थोड़ी बहुत कमी या ज्यादा होना चिंता की बात नहीं है.
- रोजाना जांच: बच्चे के वजन और हेल्थ की रोजाना जांच करवाते रहें. डॉक्टर से समय-समय पर मिलते रहें.
- सही डाइट : बच्चे को समय पर और सही मात्रा में खाना दें. इसमें फल, सब्जियां, दूध और अनाज शामिल हों.
- हेल्दी आदतें: बच्चे को समय पर सोने, खेलने और साफ-सफाई का महत्व सिखाएं.
- प्यार और ध्यान: बच्चे को प्यार और ध्यान दें, ताकि वह मानसिक और भावनात्मक रूप से भी हेल्दी रहे.
यह भी पढ़ें:
बर्तन धोते वक्त कहीं आप भी तो नहीं करतीं ये पांच गलतियां, एक बार कर लीजिए चेक