(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Parenting Tips: चुटकियों में सही राह पर आएंगे आपके बच्चे, बस जया किशोरी के इन टिप्स को करें फॉलो
Jaya Kishori Tips: बढ़ती उम्र के साथ बच्चे कई बार गलत राह पर चले जाते हैं. आप जया किशोरी के बताए तरीकों से उन्हें सही राह पर ला सकते हैं.
जब बच्चे छोटे होते हैं, तब उनकी हरकतें हर किसी का दिल जीत लेती हैं. इसके चलते उन्हें इतना लाड़-प्यार मिलता है कि कई बार वे गलत रास्ते पर भी चलने लगते हैं. ऐसे बच्चों को सुधारना बड़ी टेढ़ी खीर जैसा होता है. जया किशोरी ने एक स्पीच में ऐसे बच्चों को सही रास्ते पर लाने का तरीका बताया है. आइए जानते हैं कि यह तरीका क्या है और कैसे करता है असर?
दिनभर में एक बार जरूर करें बात
जब बच्चा गलत रास्ते पर निकल जाता है तो कोई भी उससे बातचीत करने के लिए तैयार नहीं होता. अगर बच्चा गड़बड़ कर रहा है तो उसे अकेला कभी न छोड़ें. दिनभर में कम से कम एक बार उससे बातचीत जरूर करें. हो सकता है कि वह पूरे मन से आपसे बात ही न करे, लेकिन आप बिना परेशान हुए उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करें. इससे बच्चे में भावनात्मक रूप से सुधार जरूर आएगा.
बच्चे के साथ वक्त जरूर बिताएं
जब बच्चा बागी होने लगे या गलत रास्ते पर चलने लगे तो उसके साथ रोजाना थोड़ा वक्त जरूर बिताना चाहिए. ऐसा करके आप उसके बारे में कई बातें जान पाएंगे, जिनमें अच्छी चीजों के अलावा बुरी आदतें भी होंगी. इससे बच्चे को सुधारने में मदद मिलेगी. कई बार ऐसा भी हो सकता है कि बच्चा आपके साथ रुकने के लिए तैयार न हो. ऐसे में कभी धैर्य न खोएं, क्योंकि उसे सही रास्ते पर लाने के लिए मेहनत करना जरूरी है.
बाहर घूमने का भी बनाएं प्लान
जया किशोरी ने अपनी स्पीच में कहा कि बिगड़ैल बच्चे के साथ हर महीने कम से कम एक बार बाहर घूमने का प्लान भी बनाएं. इससे बच्चे को समझने का मौका मिलता है कि वह बाहर कैसा व्यवहार कर रहा है. कई बार बच्चे नए माहौल में पहुंचने के बाद खुद में बदलाव लाने की कोशिश करते हैं और सुधर जाते हैं. दरअसल, एक साथ वक्त बिताने से बच्चे के साथ इमोशनल अटैचमेंट बढ़ता है.
घर के काम की सौंपें जिम्मेदारी
बच्चा अगर गलत राह पर जा रहा है तो उसे घर के काम में इनवॉल्व करने की कोशिश करें. उसे रोजाना घर के किसी न किसी काम की जिम्मेदारी सौंपें, जिससे उसका मन गलत रास्ते की तरफ नहीं भटकेगा. हो सकता है कि शुरुआत में वह गड़बड़ी करे, लेकिन धीरे-धीरे वह गंभीर होता जाएगा और अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगेगा. साथ ही, उसे सही और गलत की भी पहचान हो जाएगी. इससे बच्चे को सुधारने में मदद मिलती है.
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