(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बचपन में कैसे पता लगाएं ADHD बीमारी का पता, कैसे होते हैं इसके लक्षण?
ADHD एक ऐसी बीमारी है, जिसमें बच्चों को ध्यान केंद्रित करने, शांत रहने और अपने काम पूरे करने में दिक्कत होती है. बचपन में इसे पहचानना जरूरी है ताकि सही समय पर इलाज हो सके.
ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों में ध्यान केंद्रित करने और शांत बैठने में कठिनाई पैदा करती है. यह बीमारी बहुत आम है, लेकिन इसे समझना और पहचानना मुश्किल हो सकता है. बच्चों में ADHD के लक्षण पहचानने के लिए माता-पिता को ध्यान देना जरूरी होता है. आज हम आसान भाषा में जानेंगे कि ADHD के लक्षण क्या होते हैं और इसे कैसे पहचाना जा सकता है.
ADHD बीमारी क्या है
ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) एक ऐसी समस्या है जिसमें बच्चे ध्यान नहीं लगा पाते, शांत नहीं बैठ पाते और बिना सोचे-समझे काम करते हैं. यह एक न्यूरोबायोलॉजिकल विकार है ऐसे बच्चे बहुत ज्यादा सक्रिय होते हैं और एक जगह पर टिक कर नहीं बैठते. इसका असर उनके स्कूल के काम, दोस्तों के साथ संबंध और रोजमर्रा की एक्टिविटी पर पड़ता है. इस समस्या को समझकर और समय पर इलाज करवाने से बच्चों की मदद की जा सकती है. बचपन में ADHD का पता लगाने के लिए इन बातों पर ध्यान देना चाहिए. ADHD के मुख्य लक्षण जानें.
ध्यान की कमी के लक्षण
जब बच्चा स्कूल या घर में काम करते समय ध्यान भटकाता है, काम पूरा नहीं करता, और दिशानिर्देशों का पालन नहीं करता, तो यह समस्या हो सकती है. वह छोटी-छोटी चीजें खो देता है और रोजाना के कार्यों में कठिनाई का सामना करता है. इस कारण से उसे अपनी पढ़ाई और दिनचर्या में परेशानी होती है.
अधिक सक्रियता के लक्षण
बच्चा हमेशा चलना या दौड़ना चाहता है और शांत तरीके से खेल या गतिविधियों में शामिल नहीं हो पाता. वह अक्सर हिलते-डुलते रहता है या बिना कारण हाथ-पैर हिलाता है. इसका मतलब है कि उसे स्थिर रहना मुश्किल लगता है और वह हमेशा सक्रिय रहता है.
हर चीज का जल्दी होना
बच्चा बिना सोचे-समझे बोलता है और प्रश्न पूरा होने से पहले ही उत्तर दे देता है. वह अक्सर अन्य लोगों की बातचीत या खेल में हस्तक्षेप करता है. इसका मतलब है कि वह अपनी बारी का इंतजार नहीं कर पाता और दूसरों की बातों में बीच में बोलता है.
जानें इसका उपाय
ADHD का इलाज करने के लिए बच्चे को सही तरीके से ध्यान केंद्रित करना सिखाना, दवाइयां देना, और सकारात्मक प्रोत्साहन देना मदद करता है. रोजाना व्यायाम, अच्छा खान-पान और पर्याप्त नींद भी जरूरी हैं. परिवार और शिक्षकों का समर्थन और मार्गदर्शन भी महत्वपूर्ण है.
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