गणित का ज्ञान जोरदार होता है, लेकिन हर किसी को समझ नहीं आता. आम शख्स भी मैथ्स के समीकरण में भटक जाता है तो छोटे-छोटे बच्चों को गणित कैसे समझ आएगा. अगर उन्हें मैथ्स समझने में दिक्कत होती है तो वे उसे बोझ समझने लगते हैं और मैथ्स पढ़ने से दिल चुराने लगते हैं. आज हम आपको ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिससे आपका बच्चा गणित के सवालों में कभी नहीं उलझेगा और 'आर्यभट्ट' का रिश्तेदार कहलाएगा.


बच्चों को क्यों होती है दिक्कत?


सबसे पहले तो सवाल यह उठता है कि बच्चों को आखिर मैथ्स से डर क्यों लगता है? दरअसल, बच्चे बेहद मासूम होते हैं. उनके सामने अचानक कोई भी चीज आती है तो वे घबरा जाते हैं, क्योंकि उम्र कम होने की वजह से उनमें आत्मविश्वास भी काफी कम होता है. इसकी वजह मैथ्स की किताबें होती हैं, उनकी भाषा आसानी से समझने लायक नहीं होती है. यही वजह है कि बच्चों को मैथ्स समझ नहीं आती. इसके अलावा छोटी उम्र में उन्हें अगर सही गाइडेंस भी नहीं मिलती तो उनकी दिक्कतें ज्यादा बढ़ जाती हैं.


खेल-खेल में सिखाएं मैथ्स


बच्चों को मैथ्स सिखाना बेहद आसान है. अगर आपका बच्चा वीडियो देखने का शौकीन है तो उसे वीडियो न दिखाएं. उसे खेलने के लिए ब्लॉक दें, जिससे वह अलग-अलग पैटर्न बनाएगा और नए-नए शेप बनाकर चीजों को सीखेगा. इससे वह सिमिट्री भी समझना शुरू कर देगा. इसके अलावा बच्चे को आसपास मौजूद नंबरों के बारे में भी समझाएं. दरअसल, आपके घर के पते से लेकर लिफ्ट के पैनल तक हर जगह नंबर मौजूद हैं. इसके अलावा किताबों के पेज नंबर और फोन के डायल पैड से भी बच्चों को समझा सकते हैं. धीरे-धीरे बच्चा इन नंबरों को समझना शुरू कर देगा और उसे मैथ्स खेल की तरह लगने लगेगी.


शॉपिंग के दौरान सिखाएं मैथ्स


बाजार से सामान खरीदते-खरीदते भी आप बच्चों को मैथ्स के समीकरण सिखा सकती हैं. जब भी आप बाजार जाएं, बच्चों को साथ जरूर लेकर जाएं. जब आप शॉपिंग कर लें तो बच्चों को हिसाब-किताब जोड़ने के लिए कहें. उनसे ही पूरा हिसाब पूछें. शुरुआत में बच्चा गड़बड़ कर सकता है तो उसे प्रोत्साहित करें. इससे उनके सीखने की ललक बढ़ेगी. अगर बच्चा सही जवाब दे तो उसे इनाम भी दें, जिससे वह हिसाब जोड़ने के लिए खुद ही तैयार रहेगा और धीरे-धीरे मैथ्स समझने लगेगा. वह समझ जाएगा कि मैथ्स ज्यादा मुश्किल चीज नहीं है. अगर उसे समझकर पढ़ा जाए तो मैथ्स बेहद आसान है.


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