मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी मिनरल है, जो हमारे हड्डियों, मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम के हेल्दी में मदद करता है. बच्चों में मैग्नीशियम की कमी से कई समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं कि इसकी कमी के क्या लक्षण हैं और यह कैसे कई बीमारियों का कारण बनता है. 


मैग्नीशियम की कमी के लक्षण 



  • थकान और कमजोरी: अगर बच्चे आसानी से थक जाते हैं और उनमें सामान्य से ज्यादा कमजोरी महसूस होती है, तो यह मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है. 

  • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन: मैग्नीशियम मांसपेशियों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसकी कमी से मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन हो सकती है. 

  • मूड में बदलाव: बच्चे अधिक चिड़चिड़े या उदास हो सकते हैं, जो कि मैग्नीशियम की कमी के कारण हो सकता है. 

  • नींद में समस्या: अच्छी नींद न आना और बार-बार जागना भी मैग्नीशियम की कमी के कारण हो सकता है. 


जानें क्या लें डाइट 



  • इसकी कमी के कारण बच्चों में अस्थमा, डायबिटीज और हार्ट डिसीज जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. इसलिए, मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा बनाए रखना जरूरी है.

  • पालक और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, सरसों का साग, और काले में मैग्नीशियम की उच्च मात्रा होती है.

  • कद्दू के बीज: एक छोटी मुट्ठी कद्दू के बीज में मैग्नीशियम की काफी मात्रा होती है.

  • बादाम, काजू और अन्य नट्स: ये नट्स मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं और इन्हें नाश्ते में या स्नैक के रूप में शामिल किया जा सकता है.

  • केला: केले में भी मैग्नीशियम होता है और ये आसानी से उपलब्ध भी होते हैं।

  • सोयाबीन: सोयाबीन और अन्य सोया प्रोडक्ट्स में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है. 

  • एवोकाडो: एक मध्यम आकार का एवोकाडो दिन भर की मैग्नीशियम आवश्यकताओं का लगभग 15% पूरा कर सकता है.

  • अनाज और दालें: क्विनोआ, राजमा, छोले और अन्य फलियां भी मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं.

  • डार्क चॉकलेट: डार्क चॉकलेट में भी मैग्नीशियम होता है. इसे मध्यम मात्रा में खाने से भी लाभ हो सकता है. 


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