Parenting Tips: बनना चाहते हैं अच्छे पैरेंट्स तो इन सात चीजों के लिए बच्चों को कहें थैंक्यू
How to be Good Parent: बच्चे आपकी जिंदगी में काफी बदलाव लाते हैं, जिनसे आपको काफी फायदा होता है. इसके लिए आपको बच्चों को शुक्रिया कहना चाहिए.
पैरेंट्स बनना आसान नहीं होता. इसमें सिर्फ आपकी जिम्मेदारी ही नहीं बढ़ती, बल्कि जिंदगी जीने के तरीके में भी काफी बदलाव आ जाता है. कुल मिलाकर यूं कह लीजिए कि पूरी जिंदगी की बदल जाती है. हालांकि, अगर आप अच्छे पैरेंट्स बनना चाहते हैं तो आपको अपने बच्चों को इन आठ चीजों के लिए थैंक्यू कहना चाहिए. आइए आपको उन आठ चीजों से रूबरू कराते हैं.
जिंदगी में उत्साह और खुशी लाते हैं बच्चे
बच्चों में वह खासियत होती है, जिसकी वजह से वे अपने पैरेंट्स की जिंदगी में खुशी और उत्साह लेकर आते हैं. जब पैरेंट्स अपने ऑफिस से घर लौटते हैं, तब बच्चों से मिलकर उन्हें जिंदगी में काफी संतोष महसूस होता है और पॉजिटिव इमोशन सामने आते हैं. इससे पैरेंट्स की खुशी में इजाफा होता है.
जिंदगी को मिलता है नया मोड़
बच्चों की वजह से पैरेंट्स को दुनिया देखने का नया नजरिया मिलता है. बच्चों की रोजाना की उत्सुकता को देखकर पैरेंट्स अपने बचपन को याद करते हैं. वहीं, बच्चों के साथ खेलने से उनके अंदर क्रिएटिविटी बढ़ती है.
सिखाते हैं धैर्य रखने का तरीका
रातों की अक्सर अधूरी नींद और बच्चों के नखरों आदि को झेलते-झेलते पैरेंट्स नए स्किल्स भी सीखते हैं. इसकी वजह से पैरेंट्स ज्यादा पेशेंस रखने में माहिर हो जाते हैं, जिसका फायदा उन्हें अपने करियर के दौरान भी मिलता है.
बेइंतहा प्यार करना सिखाते हैं बच्चे
बच्चे अपने पैरेंट्स को बेइंतहा मोहब्बत करना भी सिखाते हैं. चाहे पैरेंट्स अपने बच्चे को कितना भी डांटें या फटकारें, लेकिन बच्चा कुछ देर बाद ही उनसे उसी तरह लाड़-प्यार करने लगता है. इसी अनकंडिशन लव की वजह से पैरेंट्स की इमोशनल हेल्थ में इजाफा होता है.
रिश्ता होता है मजबूत
बच्चों की वजह से परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे के करीब आते हैं. बच्चे होने के बाद पैरेंट्स का अपने माता-पिता, भाई-बहनों और दोस्तों के साथ रिश्ता मजबूत होता है. दरअसल, ये सभी अगली पीढ़ी को लेकर अपने अनुभव साझा करते हैं, जो उन्हें एक-दूसरे के करीब लाता है.
ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं पैरेंट्स
फिजिकल एक्टिविटी के मामले में बच्चे नेचुरल मोटिवेटर होते हैं. दरअसल, जब वे पार्क में खेलते हैं या किसी स्पोर्ट्स एक्टिविटी में शामिल होते हैं तो उनके साथ पैरेंट्स की भी फिजिकल एक्टिविटी अपनेआप बढ़ जाती है.
सोचने-समझने की क्षमता में होता है इजाफा
बच्चों की परवरिश करते-करते पैरेंट्स के अंदर सोचने-समझने की क्षमता में इजाफा होता है. इसी वजह से पैरेंट्स में सोशल इंटरेक्शन बढ़ता है. साथ ही, परिवार से इतर दोस्ती जैसे दूसरे रिश्ते भी मजबूत होते हैं. बच्चों को इसी वजह से शुक्रिया कहना चाहिए, क्योंकि वे हमारी जिंदगी में रंग भर देते हैं.
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