कई बार ज्यादा लाड़-प्यार की वजह से बच्चे जिद्दी हो जाते हैं. धीरे-धीरे यह आदत इतनी ज्यादा खराब हो जाती है कि वे बड़ों से बदतमीजी करने लगते हैं. कई पैरेंट्स उन्हें मारपीट करके सुधारने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होता. आइए आपको ऐसे टिप्स बताते हैं, जिनसे आपकी आंखों का तारा इस कदर सुधर जाएगा कि देखकर लोग भी कहेंगे कि वाह बच्चा हो तो ऐसा.
जिद्दी बच्चों से होती है यह दिक्कत
अगर बच्चा जिद्दी और गुस्सैल हो गया है तो उन्हें डांटने या पीटने की कोशिश कभी नहीं करनी चाहिए. इससे वे डिप्रेशन में आने लगते हैं और उनके अंदर नेगेटिविटी भी आने लगती है. ऐसे में कई बार बच्चे गलत कदम भी उठा लेते हैं. ऐसे में बच्चा अगर जिद कर रहा है तो उसे प्यार से समझाने की कोशिश करनी चाहिए.
बच्चों के लिए निकालें वक्त
बच्चों के व्यवहार पर यूनीसेफ ने एक रिसर्च की थी. इसमें सामने आया था कि अगर आप अपने बच्चे के लिए वक्त नहीं निकालते हैं तो ऐसे बच्चे जिद्दी हो जाते हैं. धीरे-धीरे उनकी आदत इस कदर बिगड़ती है कि वे बदतमीजी भी करने लगते हैं. ऐसे में पैरेंट्स को अपने बच्चों के लिए हर हाल में वक्त निकालना चाहिए और उनकी बातों को गंभीरता से सुनना चाहिए.
अच्छे काम की जरूर करें तारीफ
गलत काम करने पर बच्चों को डांटना-फटकारना तो लगभग सभी पैरेंट्स करते हैं, लेकिन जब बच्चा कोई भी अच्छा काम करता है तो उसकी तारीफ जरूर करें. कोशिश करें कि बच्चे की अच्छी आदतों का जिक्र कई लोगों के सामने करें, जिससे बच्चे के मन में पॉजिटिविटी बढ़ती है. यह कदम बच्चों को मोटिवेट करता है, जिसकी मदद से वह बुरी आदतों को छोड़ने की कोशिश शुरू कर देता है.
बच्चे को ऐसे करें गाइड
बच्चे मन से बेहद मासूम होते हैं. मासूमियत की वजह से वे अक्सर कुछ न कुछ करते रहते हैं. इस दौरान अगर उनसे कुछ गलत हो जाता है या जो काम वे करने जा रहे हैं, उसके बारे में उन्हें प्यार से जरूर समझाएं. बच्चों को बताएं कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत है. इससे बच्चों का सही रास्ता चुनने में मदद मिलती है.
कुछ नया सीखने के लिए करें मोटिवेट
अगर आपका बच्चा खाली वक्त ज्यादा बिताता है तो उसे इस समय का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें. उसे किसी न किसी क्रिएटिव काम में लगाने की कोशिश करें, जिससे वह कुछ नया करना चाहेगा. यह बात कई रिसर्च में भी साबित हुई है. क्रिएटिविटी दिखाने से बच्चे का दिमाग पॉजिटिव चीजों के बारे में ज्यादा सोचता है. इससे उनके व्यवहार में भी सुधार होता है.
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