जब घर में माता-पिता के बीच झगड़े होते हैं, तो इसका असर सिर्फ उन्हीं पर नहीं पड़ता, बल्कि इसकी गहरी छाप उनके बच्चों पर भी पड़ती है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर ये झगड़े बच्चों के दिमाग और उनके व्यवहार पर कैसे प्रभाव डालते हैं. आइए जानते हैं आज इस बारे में ...
चिंता और तनाव
जब बच्चे घर में मम्मी-पापा को लड़ते देखते हैं, तो वे बहुत चिंता करने लगते हैं. उन्हें यह डर सताता है कि कहीं उनके मम्मी-पापा हमेशा के लिए एक दूसरे से नाराज होकर अलग न हो जाएं. इससे उन्हें बहुत परेशानी होती है और वे उदास रहने लगते हैं.
सामाजिक समस्याएं
जब बच्चे बार-बार घर में मम्मी-पापा की लड़ाई देखते हैं, तो उनका मन उदास हो जाता है और वे दूसरे लोगों से कम बात करने लगते हैं. वे अपने दोस्तों से भी दूरी बना लेते हैं और अक्सर अकेले रहना पसंद करते हैं. इससे उन्हें और भी ज्यादा अकेलापन महसूस होता है.
पढ़ाई में मन न लगना
जब बच्चे अपने घर में बार-बार मम्मी-पापा की लड़ाई देखते हैं, तो उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता. इस वजह से वे स्कूल में भी अच्छा नहीं कर पाते और उनके मार्क्स भी कम हो जाते हैं. वे होमवर्क करने में भी ध्यान नहीं दे पाते और क्लास में उनका परफॉर्मेंस भी गिर जाता है.
जल्दी बड़े हो जाना
कभी-कभी, जब बच्चे घर में झगड़े देखते हैं, तो वे जल्दी से बड़े हो जाने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में वे अपना और अपने छोटे भाई या बहन का ध्यान रखने लगते हैं. वे खुद को संभालना सीख लेते हैं और छोटों की देखभाल करने की जिम्मेदारी भी उठा लेते हैं.
बचपन मर जाता है
जब बच्चे बार-बार घर में लड़ाई-झगड़े देखते हैं, तो उनका बचपन खुशियों से भरा नहीं रह जाता. इससे उन्हें बचपन में ही बड़े होने की जल्दी पड़ जाती है और खेल-कूद, मस्ती की जगह उन्हें जिम्मेदारियां संभालनी पड़ती हैं. इस तरह से उनका खुशहाल बचपन धीरे-धीरे खो जाता है और वे जल्दी बड़े हो जाते हैं.