बच्चे कई बार जिद करते हैं, और ये जिद माता-पिता की कुछ आदतों से बढ़ सकती है. कभी-कभी, माता-पिता बिना सोचे-समझे कुछ ऐसा करते हैं जिससे बच्चों की जिद और भी ज्यादा हो जाती है. यह बातें बच्चे के बड़े होने पर और उनके दोस्तों के साथ मेलजोल पर भी असर डालती हैं. माता-पिता होना दुनिया के सबसे सुंदर एहसासों में से एक है, लेकिन यह जिम्मेदारी भरा काम भी है. बच्चे अपने माता-पिता को देखकर ही बहुत कुछ सीखते हैं. कभी-कभी, माता-पिता की कुछ आदतें बच्चों में जिद को बढ़ा सकती हैं.आइए जानते हैं कि वे कौन सी आदतें हैं और उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है. 


हर बार मान जाना
माता-पिता जब बच्चों की हर मांग को पूरा करते हैं, तो बच्चे सोचने लगते हैं कि वे जो भी चाहेंगे, वह उन्हें मिल जाएगा. इससे वे जिद्दी बन सकते हैं और यह आदत उनके लिए आगे चलकर मुश्किलें खड़ी कर सकती है. इसलिए, माता-पिता को समझदारी से फैसले लेने चाहिए. 


सजा का डर न होना
जब बच्चे ये जान लेते हैं कि गलती करने पर उन्हें सजा नहीं मिलेगी, तो वे बार-बार वही गलतियां दोहराने लगते हैं. इससे उन्हें गलत और सही का फर्क समझ में नहीं आता. इसीलिए, माता-पिता को गलतियों पर सही तरीके से ध्यान देना और उचित प्रतिक्रिया देना जरूरी होता है. 


अनुशासन की कमी
जब माता-पिता खुद अनुशासन का पालन नहीं करते, तो बच्चे भी उनसे सीखकर अनुशासनहीन बन जाते हैं. बच्चे अपने माता-पिता को अपना आदर्श मानते हैं. इसलिए, जब वे देखते हैं कि बड़े खुद नियमों का पालन नहीं करते, तो वे भी उन्हें अनदेखा करने लगते हैं. अनुशासन की कमी उनके व्यक्तित्व के विकास पर भी असर डालती है. 


धैर्य की कमी
माता-पिता अगर हर बात पर जल्दी से प्रतिक्रिया देते हैं और धैर्य नहीं रखते, तो इससे बच्चे जिद्दी बन सकते हैं. उन्हें लगता है कि हर बात पर तुरंत ध्यान मिलेगा. इसलिए, माता-पिता को समझदारी से, शांति से बच्चों की बात सुननी चाहिए और फिर प्यार से समझाना चाहिए. 


बच्चों को अच्छा बनाने के सरल उपाय:



  • सीमा तय करो: बच्चों को बताओ कि हर चीज की एक सीमा होती है. सब कुछ मांगने पर नहीं मिलेगा. 

  • गलती और अच्छाई का फर्क: बच्चों को समझाओ कि क्या सही है और क्या गलत. अच्छा करने पर इनाम और गलती पर हल्की सजा दो.

  • अनुशासन सिखाओ: घर में एक अच्छा माहौल बनाओ जहां सब नियमों का पालन करें.

  • धैर्य रखो: बच्चों की बात धैर्य से सुनो. अगर वे जिद करें, तो प्यार से समझाओ. 



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