हर पेरेंट अपने बच्चे की खुशियों के लिए सब कुछ करता है, चाहे वो खिलौने हों या खाने की पसंदीदा चीजें. लेकिन कभी-कभी बच्चे महंगे खिलौनों की जिद पकड़ लेते हैं, जिसे पूरा करना हमेशा मुमकिन नहीं होता. ऐसे में, अगर पेरेंट्स इन्हें नहीं खरीद पाते, तो बच्चे नाराज हो जाते हैं। इस स्थिति में, बच्चे को डांटना या ध्यान भटकाने की कोशिश करना समाधान नहीं है। पेरेंट्स को इसे समझदारी और प्यार से संभालने की जरूरत है. यहां हम बताएंगे कि ऐसी परिस्थितियों में पेरेंट्स कैसे अपने बच्चे की सही मार्गदर्शन कर सकते हैं और उन्हें खुश रख सकते हैं..


समझाएं, ना कि अनदेखा करें
जब आपका बच्चा महंगे खिलौने की मांग करे, तो उसे प्यार से समझाएं कि कुछ चीजें क्यों नहीं खरीदी जा सकतीं. बच्चों को बताएं कि पैसे की एक सीमा होती है और हर चीज की अपनी कीमत होती है. यह उन्हें सिखाता है कि महत्वपूर्ण चीजों पर पैसा खर्च करना चाहिए. इससे बच्चे मूल्यों की समझ विकसित करेंगे और यह भी सीखेंगे कि खुश रहने के लिए हमेशा महंगी चीजों की जरूरत नहीं होती. 


दूसरा ऑप्शन दें
जब बच्चा किसी महंगे खिलौने के लिए जिद करे, तो उसी तरह का कोई और किफायती खिलौना दिखाएं. इससे वह समझेगा कि खुश रहने के लिए हमेशा महंगी चीजों की जरूरत नहीं होती. ऐसा करके आप बच्चे को विकल्पों की समझ भी विकसित करेंगे. 


जरूरी बात बताएं
बच्चों को सिखाएं कि सच्ची खुशी के लिए महंगे खिलौने नहीं चाहिए. असली खुशी छोटी बातों में होती है, जैसे परिवार के साथ समय बिताना, प्रकृति में घूमना, या पसंदीदा किताब पढ़ना. यह उन्हें जीवन के सरल सुखों की सराहना करना सिखाएगा. 


समय बिताएं
अक्सर बच्चे बस आपके साथ वक्त बिताना चाहते हैं. इसलिए, उनके साथ खेलने का समय बनाएं. जब आप उनके साथ खेलते हैं, तो वे खुश होते हैं और महंगे खिलौनों की चाहत नहीं रखते. 


जिम्मेदारी सिखाएं
बच्चों को छोटी जिम्मेदारियां देना, जैसे अपने कमरे को साफ रखना या घर के छोटे-मोटे काम में हाथ बटाना, उन्हें यह सिखाता है कि पैसे कमाने के लिए मेहनत की जरूरत होती है. इस तरह, वे यह समझने लगते हैं कि हर चीज़ की कीमत होती है और पैसे को सोच-समझकर खर्च करना चाहिए. 


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