आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और महंगाई के इस जबाने में, माता-पिता का अधिकतर समय काम में व्यस्त रहते हैं. इस व्यस्तता का असर उनके बच्चों पर ज्यादा पड़ता है. जब माता-पिता अपने बच्चे को समय नहीं दे पाते हैं तो इससे उनमें कई तरह की समस्याएं उभरती हैं.आइए जानते हैं यहां
असमंजस और चिंता
जब बच्चे अपने मम्मी-पापा को कम देखते हैं या उनके साथ ज्यादा समय नहीं बिता पाते, तो उन्हें चिंता होने लगती है. उन्हें डर लगता है कि शायद उनके मम्मी-पापा उनकी परवाह नहीं करते या उन्हें अकेला छोड़ देंगे. यह चिंता उन्हें परेशान कर सकती है और उनके दिल में डर बैठ सकता है. यह डर उनके मन में गहराई से बैठ जाता है, और उन्हें और भी ज्यादा अकेला और चिंतित बना देता है. इस तरह की चिंता उनके रोजमर्रा के व्यवहार और खुशी पर भी असर डालता है.
व्यवहार में दिक्कतें
जब बच्चों को यह लगता है कि कोई उनकी परवाह नहीं कर रहा है या उनकी ओर ध्यान नहीं दे रहा, तो वे अक्सर उदास या नाराज महसूस कर सकते हैं. इससे वे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए गलत तरीके अपना सकते हैं, जैसे कि जिद करना, चिल्लाना या उल्टा व्यवहार करना. ये बच्चे ध्यान पाने के लिए कभी-कभी ऐसी हरकतें कर बैठते हैं जो सामान्य नहीं होतीं. उनका यह व्यवहार न केवल उन्हें और अधिक तनाव में डाल सकता है, बल्कि परिवार और दोस्तों के साथ उनके रिश्तों पर भी असर डाल सकता है
जब बच्चे अपने माता-पिता के साथ समय बिताते हैं, तो वे सीखते हैं कि दूसरों के साथ कैसे अच्छे से पेश आना है. लेकिन अगर बच्चों को यह समय नहीं मिल पाता, तो उनके सामाजिक कौशल में कमी आ सकती है. इससे उन्हें दूसरों के साथ मिलना-जुलना और सही व्यवहार करना मुश्किल हो सकता है.
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