मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें परिवार के बीच के बच्चे को ऐसा लगता है कि उसे पर्याप्त ध्यान नहीं मिल रहा है. यह समस्या कई बच्चों में देखने को मिलती है, खासकर तब जब उनके बड़े और छोटे भाई-बहन होते हैं. आइए जानें मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम के लक्षण और इससे बच्चों को कैसे बचाएं.
मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम क्या है ?
मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जो परिवार के बीच के बच्चों में पाई जाती है. इसमें बच्चे को ऐसा महसूस होता है कि उसे पर्याप्त ध्यान और प्यार नहीं मिल रहा है. बड़े और छोटे भाई-बहन के बीच होने के कारण, बीच के बच्चे को अक्सर अकेलापन, ईर्ष्या और अपर्याप्तता की भावना होती है. वह खुद को परिवार में कम महत्वपूर्ण समझता है, जिससे उसके आत्मसम्मान में कमी आ सकती है. इसके परिणामस्वरूप, बच्चे में नकारात्मक भावनाएं और जिद्दीपन देखे जा सकते हैं. इस स्थिति से बचने के लिए माता-पिता को सभी बच्चों को बराबर प्यार और ध्यान देना चाहिए.
मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम के लक्षण
- ध्यान की कमी महसूस होना: मिडिल चाइल्ड अक्सर ऐसा महसूस करता है कि माता-पिता का सारा ध्यान बड़े या छोटे भाई-बहन पर है.
- आत्मविश्वास में कमी: ध्यान न मिलने के कारण बच्चे का आत्मविश्वास कम हो सकता है.
- जिद्दीपन: ध्यान आकर्षित करने के लिए बच्चा जिद्दी हो सकता है.
- अकेलापन: बच्चा खुद को परिवार से अलग और अकेला महसूस कर सकता है.
- प्रतिस्पर्धा की भावना: बच्चे में भाई-बहनों के साथ प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ सकती है.
बचाव के उपाय
- समान ध्यान दें: सभी बच्चों को बराबर ध्यान और प्यार दें. यह सुनिश्चित करें कि मिडिल चाइल्ड को भी विशेष समय और ध्यान मिल रहा है.
- प्रोत्साहन दें: बच्चे की उपलब्धियों और कोशिशों को प्रोत्साहित करें ताकि उसका आत्मविश्वास बढ़े.
- बातचीत करें: बच्चे के साथ खुलकर बात करें और उसकी समस्याओं को समझें. उसे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का मौका दें.
- विशेष समय बिताएं: मिडिल चाइल्ड के साथ अलग से समय बिताएं. यह उसे महसूस कराएगा कि वह भी खास है.
- समान अवसर दें: बच्चों को समान अवसर और जिम्मेदारियां दें ताकि वे खुद को महत्वपूर्ण महसूस करें.
- मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम से बचाने के लिए माता-पिता को थोड़ा ध्यान देने और प्यार जताने की जरूरत होती है.
- सही देखभाल और समर्थन से बच्चे इस समस्या से बाहर निकल सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं.
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