प्रेग्नेंट होना एक महिला के लिए बहुत खुशी की बात होती है.  इस दौरान हर मां अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालने की कोशिश करती है. क्योंकि कहा जाता है कि महिला जो भी चीज को बोलती है सुनती है या करती है उसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर जरूर पड़ता है. ठीक वैसे ही अगर मां खुश है तो बच्चा भी खुश रहेगा, लेकिन अगर मां डिप्रेशन या तनाव में है, तो होने वाले बच्चे जिनमें खासकर लड़कियों पर इसका बुरा असर पड़ता है.


अनिद्रा का खतरा


प्रेगनेंसी मां और बच्चे के बीच एक गहरा बंधन है. इस समय मां के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, ताकि उसका बच्चा स्वस्थ और खुशहाल पैदा हो. वहीं हाल ही में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बिहेवियरल डेवलपमेंट के एक शोध में पाया गया कि गर्भावस्था में महिला अगर डिप्रेशन या तनाव में है, तो इसका सीधा असर बेटियों पर पड़ता है. जिससे 70% तक अनिद्रा का खतरा रहता है. 


स्वास्थ्य का रखें ध्यान


यह शोध 2006 में इजरायल लेबनान युद्ध के समय कुछ महिलाओं पर किया गया था, जो उस समय गर्भवती थी. जानकारी के अनुसार, बेटी जब 10 साल की हो जाती है, तो उसमें अनिद्रा, वजन घटाना जैसी समस्या देखी जाती है. प्रेगनेंसी के दौरान मां अपने और अपने बच्चों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें. इसके लिए वह स्वस्थ आहार, सकारात्मक विचार और अच्छी नींद लें.


सही आहार का सेवन


प्रेगनेंसी के दौरान महिला ने सही आहार का सेवन करना चाहिए. स्वस्थ आहार, जैसे कि फल, सब्जियां, अंडे, दूध, और अनाज, महिला और शिशु के लिए उत्तम होता है. ध्यान दें कि हफ्ते के कम से कम 3-4 दिनों तक व्यायाम जरूर करें. प्रेग्नेंसी के दौरान ध्यान और आराम का समय लेना बहुत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा किसी भी तरह की समस्या या संदेह के मामले में, अपने डॉक्टर से संपर्क करें.  


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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