पैरेंटिंग टिप्स में लोग अक्सर बच्चों को पालने का तरीका, उनसे बातचीत करने का तरीका आदि जानने की कोशिश करते हैं. हालांकि, बच्चों के भविष्य के लिए इनवेस्टमेंट करना भी पैरेंटिंग का ही एक तरीका है. आइए आपको बताते हैं कि बच्चों के लिए किस उम्र में इनवेस्टमेंट शुरू कर देना चाहिए? आपने यह काम शुरू कर दिया है या आप लेट हो गए हैं, आइए जानते हैं.


बच्चों के लिए इनवेस्टमेंट क्यों जरूरी?


बच्चों के भविष्य की बात हो तो हम सबसे पहले उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में सोचने लगते हैं. हमें उनके करियर की चिंता सबसे पहले होती है, लेकिन उनके लिए इनवेस्टमेंट के बारे में सोचना भी बेहद जरूरी होता है. दरअसल, बच्चों का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका इनवेस्टमेंट करना भी है, जो बच्चों को फाइनेंशली भी मजबूत बनाता है. यही इनवेस्टमेंट बच्चों की हायर एजुकेशन आदि के काम भी आ सकता है.


कब से शुरू करना चाहिए निवेश?


अब सवाल उठता है कि बच्चों के लिए निवेश कब से शुरू कर देना चाहिए? जानकारों की मानें तो बच्चे के जन्म लेने के बाद से ही इनवेस्टमेंट शुरू कर देना चाहिए, भले ही इसकी शुरुआत बेहद छोटी रकम से हो. दरअसल, यही रकम धीरे-धीरे जमा होकर भविष्य में बड़ा फंड बन सकती है. यह बात खासतौर पर ध्यान रखने वाली है कि बच्चों के लिए निवेश शुरू करने के बाद कोशिश करें कि इसमें कभी ब्रेक न आए. इसके लिए इनवेस्टमेंट का प्लान ऐसा बनाएं, जो जेब पर ज्यादा भारी न हो. भले ही इस रकम को फ्यूचर में बढ़ा लें. 


बच्चों के लिए कहां करें इनवेस्टमेंट?


अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि बच्चों के लिए इनवेस्टमेंट की शुरुआत कहां से करनी चाहिए. इसके लिए आप एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान को चुन सकते हैं, जिस पर अच्छा-खासा रिटर्न मिल जाता है. दरअसल, एसआईपी लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट प्रोसेस है, जो लंबी अवधि तक जारी रखने पर ज्यादा मुनाफा देता है. आमतौर पर एसआईपी में 12 से 16 फीसदी का सालाना रिटर्न मिल जाता है.


चाइल्ड म्युचुअल फंड भी बेस्ट ऑप्शन


बता दें कि बच्चों के लिए इनवेस्टमेंट करना हो तो चाइल्ड म्युचुअल फंड का भी रुख कर सकते हैं. दरअसल, कई कंपनियां बच्चों के हिसाब से चिल्ड्रेंस गिफ्ट फंड, चिल्ड्रेंस एसेट्स प्लान और चिल्ड्रेंस करियर प्लान आदि स्कीम चलाती हैं. इस तरह की स्कीम्स में फंड का एक हिस्सा सेफेस्ट डेट स्कीम या डेट बॉन्ड में इनवेस्ट किया जाता है तो एक हिस्सा इक्विटी में लगाया जाता है, जो डेट बॉन्ड से ज्यादा रिटर्न देता है.


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