दादा-दादी और बच्चे एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं. बच्चे उन्हें अपना खास दोस्त मानते हैं और दादा-दादी के लिए बच्चे उनके खिलौने जैसे होते हैं, जिनके साथ वे खूब खेलते हैं और मन लगाते हैं. बच्चों को दादा-दादी से बहुत कुछ सिखने को मिलता है, जैसे अच्छे व्यवहार के तरीके और जीवन के मूल्य. आजकल, जब फैमिली छोटी हो गई है और घर में सिर्फ मम्मी-पापा और एक-दो बच्चे होते हैं, तब दादा-दादी का साथ और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है.उनका साथ होने से बच्चों का दिल खुश रहता है और उन्हें एक प्यारा परिवार मिलता है.
जीवन के अनुभवों का खजाना
दादा-दादी जिंदगी के बहुत से किस्से और सीख बच्चों को सुनाते हैं. ये कहानियां उनके अपने अनुभवों से भरी होती हैं .जब बच्चे इन्हें सुनते हैं, तो वे नई चीजें सीखते हैं और अच्छा इंसान बनने की ओर बढ़ते हैं. इससे उनका विकास होता है.
जब भी मुश्किल आती है, दादा-दादी हमेशा बच्चों की मदद करते हैं. वे हर समस्या का हल निकाल लेते हैं।.इससे बच्चे भी सीखते हैं कि कैसे मुश्किलों का सामना करें और उन्हें हल करें. ये उन्हें जिंदगी में मजबूत बनाता है.
बच्चे दादा-दादी के साथ पूजा, इज्जत, और प्यार करना सीखते हैं वे. रिश्तों की अहमियत और उन्हें कैसे निभाएं, यह भी समझते हैं.यह सब उन्हें अपनी संस्कृति से जोड़ता है और उनमें अच्छाई भरता है.
नैतिक शिक्षा
दादा-दादी बच्चों को कहानियां सुनाकर सिखाते हैं कि सही क्या है और गलत क्या. ये कहानियां उन्हें अच्छे और बुरे का फर्क बताती हैं, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और अच्छा व्यवहार करें.
परिवार की जानकारी
दादा-दादी के माध्यम से बच्चे अपने परिवार का इतिहास और मूल्य समझते हैं, जिससे उनमें जुड़ाव और स्नेह की भावना बढ़ती है.
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