सिंधु घाटी की सभ्यता के लोगों की डाइट में मांस का हिस्सा अधिक था. एक ताजा रिसर्च के मुताबिक, सिंधु घाटी के लोग गौ मांस का व्यापक इस्तेमाल करते थे. 'जर्नल ऑफ ऑर्कियोलोजिकल साइंस' में बुधवार को प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा किया गया. रिपोर्ट में सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के खानपान से संबंधित आदतों को विस्तार से बताया गया है.


सिंधु घाटी सभ्यता में खानपान की आदतों का खुलासा


अकक्षेत्रा सूर्यानारायण की अगुवाई में किया गया रिसर्च कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की पीएचडी का हिस्सा है. रिपोर्ट के मुताबिक, पशु प्रोडक्ट्स जैसे सुअर, मवेशी, भैंस और बकरे के प्रभुत्व का पता चलता है. उत्तर-पश्चिम भारत वर्तमान में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हिस्से में सिंधु घाटी के शहरी और ग्रामीण इलाकों में डेयरी प्रोडक्ट्स का भी इस्तेमाल किया जाता था. सिंधु घाटी सभ्यता पाकिस्तान, उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी भारत और अफगानिस्तान के पड़े हिस्सों में फैली हुई थी.


रिसर्च के लिए पांच गांव, मेरठ (उत्तर प्रदेश) का आलमगीरपुर, हिसार (हरियाणा) के दो गांव मसूदपुर, लोहारी राघो, भिवानी का खनक, रोहतक का फरमना और हिसार का राखगड़ी पर फोकस किया गया. रिसर्च में खुलासा किया गया कि 2600-1900 ईसा पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता की बस्तियों को बड़े शहरों में विकसित किया गया. पौधे के विविध उत्पाद और अलग-अलग फसल के बारे में भी रिसर्च बताती है. सर्दी और गर्मी के लिहाज से सिंधु घाटी सभ्यता के लोग फसल उगाते थे. गेहूं, जौ, चावल, बाजरा की अलग-अलग किस्म, सर्दी गर्मी के लिए दाल, फल और  बैंगन, खीरा, अंगूर, खजूर समेत सब्जियों को उगाकर लोग इस्तेमाल करते थे.


डाइट में प्रमुख रूप से होता था मांस का इस्तेमाल


सूर्यनारायण ने बताया कि इससे पहले सिंधु घाटी सभ्यता में लोगों के खानपान की आदतों पर कई सारे रिसर्च हैं. मगर, उनके रिसर्च पेपर में मुख्य रूप से उन फसलों पर फोकस किया गया है जो उस वक्त उगाई जाती थीं. उन्होंने कहा कि मवेशी/भैंस में पशुओं की हड्डियों का औसत 50-60 फीसद हिस्सा पाया गया है. उनमें से भेड़, बकरे की 10 फीसद हड्डियां थीं. पशुओं की हड्डियों के अत्यधिक फीसद से पूरी सिंधु आबादी के बीच गोमांस सेवन के प्रति सांस्कृतिक प्राथमिकता का पता चलता है.


वर्तमान रिसर्च अपने आप में अनूठा है क्योंकि इसके जरिए बर्तनों की सामग्री तक को देखने की कोशिश की गई है. आम तौर से शोधकर्ता बीज या पौधे के अवशेषों को अपनी रिसर्च का हिस्सा बनाते हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि खरगोश और पक्षियों के भी खाए जाने का सबूत मिला है. मगर डाइट के हिस्से के तौर पर चिकेन के सबूत की कमी है. रिसर्च में वैज्ञानिक तौर पर एक कदम आगे बढ़कर साबित करने की कोशिश की गई कि सिंधु घाटी सभ्यता न सिर्फ मांस का सेवन करनेवाला समाज था बल्कि गोमांस और पोर्क भी लोग खाते थे.


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