Pet Care: स्नेल आपके पेट्स को बना सकती है बहुत बीमार, मानसून में पालतू जानवरों का ऐसे रखें खयाल
Monsoon Pets Care: मानसून में पेट्स के लिए भी इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. खासतौर पर आप अपने पेट्स को स्नेल्स से बचाकर रखें. क्योंकि इनका लार्वा (larvae) आपके पेट्स को गंभीर रूप से बीमार बना सकता है.
Monsoon Pets Care Tips: बारिश के मौसम में स्नेल्स (Snails) या घोंघे अक्सर देखने को मिलते हैं. पार्क, गमलों की मिट्टी या सड़कों के किनारे जहां आप अपने पेट्स (Pets) को टहलाने (Walk) के लिए ले जाते हैं, इन जगहों पर आपको मानसून (Monsoon) में स्नेल्स आसानी से देखते को मिलते हैं. यूं तो ये किसी तरह की नुकसान नहीं पहुंचाते हैं लेकिन आपके पेट्स और खासतौर पर डॉग (Dog) की सेहत के लिए ये बहुत हानिकारक हो सकते हैं.
पेट्स के लिए क्यों हानिकारक हैं स्नेल्स?
- आपने अक्सर देखा होगा कि स्नेल्स को देखते ही आपका डॉग आदतन उसे सूंघने लगता है, उस पर भौंकता है और कई बार उसे चाट भी लेता है. ऐसा करना आपके पेट्स को बीमार बना सकता है. क्योंकि स्नेल्स का लार्वा अक्सर लंगवर्म (lungworm) से संक्रमित होता है, जिसके कारण आपके पेट्स को लंग्स से संबंधित समस्या हो सकती है.
- पेट्स पर हुई अलग-अलग स्टडीज में यह बात सामने आई है कि बरसात के सीजन में डॉग्स बड़ी संख्या में लंगवर्म की चपेट में आते हैं और इस बीमारी की मुख्य वजह होती है, पेट्स का स्नेल के लार्वा के संपर्क में आना. हालांकि इस बीमारी के होने की अन्य संभावनाओं से मना नहीं किया जा सकता. लेकिन मॉनसून में स्नेल्स पेट्स में इस बीमारी के फैलने का बड़ा कारण बनते हैं.
पेट्स को स्नेल्स से कैसे बचाएं?
- बारिश के मौसम में पेट्स को टहलाते समय इन्हें अकेला और खुला ना छोड़ें. आप हर समय इनकी लगाम अपने हाथ में रखें ताकि ये किसी भी स्नेल या अन्य कीड़े के संपर्क में ना आएं.
- मानसून में अपने डॉग्स को पार्क में भरा हुआ पानी या रोड साइड में भरा हुआ पानी ना पीने दें. क्योंकि ऐसा पानी भी लंगवर्म से इंफेक्टेड हो सकता है.
- ऐसा नहीं है कि हर स्नेल में लंगवर्म होता है लेकिन बरसात के दिनों में ज्यादातर स्नेल्स लंगवर्म से इनफेक्टेड हो सकते हैं. कई बार पेट्स इन स्नेल्स को खा लेते हैं और गंभीर रूप से बीमार पड़ जाते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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