Merck और उसकी साझेदार Ridgeback Biotherapeutics की दवा को मंजूर कर लिए जाने पर कोविड-19 के खिलाफ पहली ओरल एंटीवायरल हो सकती है. डेटा के मुताबिक प्रायोगिक एंटीवायरल गोली मौत या अस्पताल में दाखिले के जोखिम को कम कर देती है. विशेषज्ञों ने गंभीर कोविड-19 के इलाज में संभावित सफलता के रूप में उसका स्वागत किया है.


कोरोना से बचाव के लिए पहली एंटीवायरल गोली का विकास  


कंपनी ने मोलनुपीरवीर (Molnupiravir) के तीसरे चरण के अंतरिम नतीजे जारी कर दिए हैं. परीक्षण में दवा का नतीजा शानदार साबित हुआ है. उत्साहित कंपनियां अमेरिका में दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल की जल्द से जल्द मंजूरी का मंसूबा बनाने में जुट गई हैं और दुनिया भर में नियामक संस्थाओं के पास आवेदन जमा कर दिए गए हैं.


Merck & Co के चीफ एग्जक्यूटिव रॉबर्ट डेविस ने बताया कि इससे कोविड-19 महामारी की रोकथाम के डायलॉग में बदलाव आने जा रहा है. परीक्षण में शामिल 775 मरीजों के गंभीर कोविड-19 से अस्पताल में दाखिले और मौत के जोखिम की जांच पड़ताल की गई. नतीजे से पता चला कि पांच दिनों तक एक दिन में दो बार मोलनुपीरवीर का इस्तेमाल करनेवाले 7.3 फीसद को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और इलाज के बाद 29 दिनों तक किसी की मौत नहीं हुई.


परीक्षण के नतीजे से उत्साहित वैज्ञानिकों ने किया स्वागत


उसके मुकाबले प्लेसेबो ग्रुप के 14.1 फीसद मरीजों को अस्पताल जाने की जरूरत पड़ी और आठ लोगों की मौत भी हुई. Ridgeback के सीईओ वेंडी हॉलमन ने बयान में कहा, "कोविड-19 मरीजों को अस्पताल से दूर रखने के लिए घर पर एंटीवायरल इलाज बेहद जरूरी है." वैज्ञानिकों ने वायरस से गंभीर बीमारी की रोकथाम में मदद के लिए संभावित नए इलाज का स्वागत किया है.


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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में संक्रामक रोग के प्रोफेसर पीटर हॉर्बाइ ने बताया कि एक सुरक्षित, किफायती और प्रभावी ओरल एंटी वायरल कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में बड़ी पहल होगी. परीक्षण के लिए हल्के से गंभीर कोरोना मरीजों को शामिल किया गया था और उनको पांच दिनों से ज्यादा लक्षण नहीं थे. सभी मरीजों में कम से कम मोटापा या बुढ़ापे से जुड़ा एक जोखिम कारक था.