अक्सर माना जाता है कि सिर्फ कच्चे खाद्य पदार्थ खाद्य जनित बीमारियों का कारण बनते हैं. हालांकि, ध्यान दिया जाना चाहिए कि सही तरीके से स्टोर नहीं करने पर पके हुए खाद्य पदार्थ से भी बीमारियां हो सकती हैं. कल्पना और हकीकत को स्पष्ट करते हुए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने ट्विटर पर खाद्य सुरक्षा और पोषण के बारे में इस महत्वपूर्ण सच्चाई को शेयर किया है. FSSAI के मुताबिक, ये कल्पना है कि पके खाद्य पदार्थ खाद्य जनित बीमारियों का कारण नहीं बन सकते, और कमरे के तापमान पर रखे जा सकते हैं.



क्या किए जाने की आवश्यकता है?
कई तरीकों से पके खाद्य पदार्थ दूषित हो सकते हैं, जिससे उसका खाना असुरक्षित बना देता है. ये उस वक्त हो सकता है, जब- खाद्य पदार्थ को सही तरीके से स्टोर नहीं किया गया हो. सभी पके खाद्य पदार्थ या बचे हुए भोजन को दो घंटे के अंदर 5 डिग्री से कम सेल्सियस पर ठंडा किए जाने की जरूरत होती है. खाद्य पदार्थ किसी दूषित सतह या सामान पर तैयार किया जाता है या गैर खाद्य पदार्थ वाले बर्तन में स्टोर किया जाता है. खाद्य पदार्थ को परोसनेवाले व्यक्तिगत अच्छी सफाई का पालन नहीं करते हैं. खाद्य पदार्थ जनित बीमारियां फूड प्वॉयजनिंग का कारण बन सकते हैं जिसके लक्षण डायरिया, मतली, डिहाइड्रेशन और उल्टी जैसे होते हैं. दूषित भोजन फूड प्वॉयजनिंग और विभिन्न पेट की बीमारियों का कारण बन सकते हैं. 


आपको क्या करने की जरूरत है?
सुनिश्चित करें कि पकाने और खाने से पहले बीमारियों के संक्रमण को रोकने के लिए आप उचित तरीके से अपने हाथ धोएं. वर्तमान स्थिति को देखते हुए, ये भी एक अच्छा विचार है कि बाहरी खाद्य पदार्थ से बचा जाए. सभी खाद्य पदार्थ को ठीक से ढंकें. भोजन की तैयारी से पहले और बाद में किचन की सतह को साफ करें. कच्चा खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें. कच्चे खाद्य पदार्थों और सब्जियों में नुकसानदेह बैक्टीरिया आपके पेट को प्रभावित कर सकता है. 


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