जो शख्स कोविड-19 को मात दे चुका है, उसके आसपास होना कब सुरक्षित है या अन्य लोग कब उसके पास जा सकते हैं? ये सवाल अक्सर लोगों के जेहन में कौंध रहे हैं. सवाल पैदा हो रहा है कि क्या सावधानी बरतें, जिससे दूसरों को खतरा पैदा न हो. जानकारी न होने की वजह से लोग लापरवाही बरतते हैं और दूसरों के लिए मुसीबत की वजह बन सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि रिकवरी पीरियड एक शख्स से दूसरे शख्स तक लंबाई और लोगों के महसूस करने के मामले में अलग-अलग हो सकती है.
सीडीसी की गाइडलाइन्स कहती है कि कोविड-19 से ठीक हो चुके शख्स के लिए दूसरे लोगों के पास जाने का सुरक्षित समय कई फैक्टर पर निर्भर करता है. दरअसल देखने में ये आ रहा है कि कोरोना को हराने के बाद भी कुछ लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं. उनमें से डॉक्टर और पेशे से सर्जन नीरज कुमार मिश्रा भी हैं. मिश्रा संक्रमण को मात देने के बाद जटिलताओं से जूझ रहे हैं और अभी भी ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.
उनका कहना है कि इलाज के चरण में मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक सहायता की सबसे बड़ी दिक्कत पेश आ रही है. कोविड-19 की बीमारी मरीजों को शारीरिक और मानसिक रूप से तोड़ रही है. इस दौरान मरीजों को रात-रात भर जागना पड़ता है, नकारात्मक विचार और खुदकुशी के रुझान मन में पनपते हैं.
कोविड-19 से ठीक होने के बाद सावधानी
डॉ. धीरज चौबे ईएसआईसी के कोरोना वॉर्ड में कार्यरत हैं. उनकी सलाह है कि अगर आपके घर में पालतू जानवर है, तो उससे भी सावधानी बरतें, गले न लगाएं जब तक कि आपका आइसोलेशन न पूरा हो जाए. हो सकता है पालतू जानवरों के बाल से एलर्जी हो, लिहाजा उसके स्वास्थ्य के लिए भी ठीक होगा कि कुछ दिन बाद ही आसपास जाएं.
यशोदा अस्पताल में कोविड वॉर्ड हेड डॉ. ए़ पी सिंह की सलाह है कि रिकवरी के तुरंत बाद अपने पुराने शेड्यूल में न लौटें. पुरानी गतिविधियों को कम करने के साथर थकान से दूर रहें. बीमारी से पहले अगर आप 30 मिनट का व्यायाम करते थे, तो कोविड-19 के बाद अब 10-15 मिनट का समय घटा दें. जानकारों का कहना है कि टूथब्रश, कंघा, मास्क, हेड मास्क, ग्लव्स, मोबाइल कवर को भी बदल देना संक्रमण की आशंका को कम करता है.
कोविड के बाद भी नियमों का हो पालन
विशेषज्ञों की सलाह है कि कोविड-19 को हराने के बाद भी पब्लिक में जाने पर मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और नियमित हाथ धोना जारी रखना चाहिए. गाजियाबाद में कोविड वार्ड के नोडल ऑफिसर डॉ अनिल कुश की सलाह है, "कोविड मरीज अन्य लोगों को संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए रिकवरी पीरियड में भी अपना सामान रोजाना सैनेटाइज करें. लैपटॉप, बैग, पेन को सैनेटाइज करने से संक्रमण का खतरा नहीं होता है.
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