एक ऐसे समय जब देश में कोविड-19 मामलों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ रही है, समझना जरूरी है कि कोरोना की चपेट में आने पर कैसे सबसे अच्छे से खुद की मदद कर सकते हैं. बीमारी से लड़ने के लिए हालांकि कई सिफारिशें है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 से उबरने के बाद की देखभाल भी बेहद महत्वपूर्ण है. यहां तक आप बीमारी से ठीक भी हो जाते हैं, तब भी कुछ लक्षण जैसे स्वाद और गंध का नुकसान लंबी अवधि तक बनी रह सकती है. पोस्ट कोविड-19 लक्षणों में से एक सबसे ऊपर है पोस्ट कोविड-19 थकान. उसके बारे में न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा का कहना है कि लगातार थकान उन लोगों में देखा गया है जो बीमारी से ठीक हो चुके हैं या जिनको कोई लक्षण नहीं है.


कोविड के बाद थकान दूर करने के लिए क्या करें


अपने नए इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने कहा, "कोविड से उबरने के बाद 70 फीसद लोगों को थकान प्रभावित करता है जिनको कोविड-19 का हल्का और गंभीर दोनों संक्रमण रह चुका है. विशेषज्ञ ने बताया कि कोविड के बाद थकान के आम लक्षणों में से एक क्रॉनिक कोविड सिंड्रोम या लंबे कोविड के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें बहुत ज्यादा आराम के बाद भी थकान का एहसास, याद्दाश्त की कमी, ध्यान लगाने में मुश्किल, जोड़ों और मांसपेशी में दर्द शामिल है."



विशेषज्ञ ने बताया दो सप्लीमेंट्स करते हैं असर


पूजा मखीजा ने दो सप्लीमेंट्स सुझाए हैं जो लक्षणों के नियंत्रण में मदद कर सकते हैं. दो सप्लीमेंट्स हैं Omega-3 1000mg और Coenzyme Q10. उन्होंने कहा, "मेरे ख्याल में ये सप्लीमेंट्स कई तरह से फायदेमंद हैं और कोई साइड-इफेक्ट्स भी नहीं है, बल्कि लगातार थकान से रिकवरी को तेज सकता है, इसलिए शुरू करवाने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें." एक या दो महीने तक Omega-3 1000mg के इस्तेमाल से ऊर्जा के सुधार में मदद मिल सकती है. Coenzyme Q10 की चिंता करते हुए उन्होंने कहा कि ये साबुत अनाज, पालक, ब्रोकोली, फिश और मांस में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. उन्होंने बताया कि biquinol 100 mg की शक्ल में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. उससे ऊर्जा का स्तर सुधारने में मदद मिलेगी. 


क्रोनिक फटिग सिंड्रोम की व्याख्या करते हुए उन्होंने लिखा, "चूंकि कोविड-19 बीमारी ने पिछले साल जनवरी 2020 में सुर्खियां बनाई थी और मेडिकल विशेषज्ञ अभी भी ज्यादा सच्चाई तक पहुंचने के लिए रोजाना खोज कर रहे हैं. वीडियो में सुझाया गया सप्लीमेंट्स कई रिसर्च का समर्थन करता है. हालांकि, खास प्रकाशित रिसर्च पेपर नहीं हैं जो वास्तव में बता सके कि कोविड-19 से 'ठीक हो चुके और एसिम्पटोमैटिक होने की सूरत में ये कारगर हैं.'"


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