रमजान के महीने में मुस्लिम लोग दिन भर कुछ नहीं खाते. शाम को खजूर खाकर वे अपना रोजा खोलते हैं. खजूर में बहुत सारी ताकत होती है, जो भूखे रहने के बाद जल्दी से एनर्जी देती है।.इसमें मीठा, विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो हमें तुरंत ताजगी देते हैं. यह परंपरा बहुत पुरानी है और लोगों की मानना है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद को खजूर बहुत पसंद थे और वे भी अपना रोजा खजूर खाकर ही खोलते थे. उनकी इस आदत को आज भी मुस्लिम धर्म के लोग फॉलो करते हैं. इसलिए, रमजान में खजूर खाना सिर्फ हेल्थ के लिए ही नहीं, बल्कि धर्म और आस्था का भी हिस्सा है.
खजूर कितने तरह का होता है?
खजूर एक ऐसा फल है जिसका सेवन दुनिया भर में विभिन्न रूपों में किया जाता है. यह न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. खजूर की लगभग 200 से ज्यादा प्रजातियां होती हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय प्रजातियां मेजडूल, अजवा, खदरवी, बर्ही, और डेगलेट नूर हैं.
कौन सा खजूर सबसे अच्छा होता है?
मेजडूल खजूर को अक्सर सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इसका स्वाद बहुत मीठा होता है और इसका गूदा मुलायम और रसीला होता है. इसे 'खजूर का राजा' भी कहा जाता है. मेजडूल खजूर विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर से भरपूर होता है, जो इसे ना केवल एक स्वादिष्ट बनता है बल्कि यह बहुत ही फायदेमंद होता है.
इस खजूर का है धार्मिक महत्व
अजवा खजूर का नाम इस्लामिक दुनिया में खास महत्व रखता है क्योंकि इसे बहुत पवित्र माना जाता है. यह सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि एक धार्मिक प्रतीक भी है जिसे बहुत सम्मान दिया जाता है. अजवा खजूर को खाने के कई फायदे हैं जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं. यह खजूर शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है, जिससे हम अधिक स्वस्थ रह सकते हैं. इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. साथ ही, अजवा खजूर पाचन को भी सुधारता है. अगर आपको पेट से जुड़ी समस्याएं हों, तो अजवा खजूर खाने से बहुत फायदा हो सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें :