Original And Fake Sindoor Identify: करवाचौथ का इंतजार महिलाओं को पूरे साल रहता है. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. महिलाएं महीनों पहले से ही करवाचौथ की तैयारियां शुरू कर देती हैं. बाजार भी महिलाओं के लिए अनेक तरह के खूबसूरत सामानों से सज जाते हैं.


इस दिन महिलाएं ज्यादातर नए सामान पहनती और इस्तेमाल करती हैं. साड़ी से लेकर सिंदूर तक सब कुछ नया होता है. करवाचौथ पर सुहाग का सामान सास और ननद को देने की मान्यता है. बाजारों में ये सामान आसानी से मिल जाते हैं. मार्केट में सिंदूर से लेकर बिंदी और आल्ता तक सब कुछ आसानी से मिल जाता है, लेकिन सिंदूर खरीदते वक्त आपको असली और नकली की पहचान करना आना जरूरी है. 


मार्केट में मिल रहा है नकली सिंदूर


दरअसल करवाचौथ के मौके पर बाजारों में नकली सिंदूर भी खूब बिक रहा है. नकली सिंदूर में कई तरह के केमिकल्स मिलाकर इसे तैयार किया जाता है जो आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. नकली सिंदूर से स्किन से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए अगर आप करवाचौथ पर सिंदूर खरीद रही हैं या खरीदने का मन बना रही हैं तो सावधान होने की जरूरत है. आपको ये पहचानना आना चाहिए कि जो सिंदूर आप खरीदने जा रही हैं वो असली है या नकली. 


कैसे करें असली और नकली सिंदूर की पहचान


असली सिंदूर की पहचान है कि पहले सिंदूर को हाथ में लेकर उसे हथेली पर रगड़ें. अब सिंदूर को फूंक मार उड़ाने की कोशिश करें. अगर सिंदूर उड़ जाए तो समझो असली है. अगर सिंदूर नहीं उड़ता और हाथ से चिप रहा है तो ये नकली सिंदूर है. 


कैसे बनता है नकली सिंदूर


मार्केट में बड़ी मात्रा में नकली सिंदूर मिल रहा है. इसे खड़िया, सिंथेटिक रंग और सीसा जैसी चीजों से मिलाकर तैयार किया जाता है. ये सिंदूर हाथ से आसानी से उड़ता नहीं और चिपक जाता है. इस सिंदूर को हटाने के बाद हाथों पर रंग लगा रह जाता है. ऐसा सिंदूर रंग में काफी गहरा भी होता है.


नकली सिंदूर लगाने के नुकसान


महिलाएं रोजाना मांग में सिंदूर लगाती हैं जो उनके सिर धोने तक लगा ही रहता है. लंबे समय तक स्किन पर किसी भी कैमिकल के लगे रहने से स्किन इंफेक्शन हो सकता है. नकली सिंदूर लगाने से बालों और स्कैल्प पर खुजली की समस्या हो सकती है. सिंदूर लगाने वाली जगह पर दाने निकल सकते हैं. 


कैसे बनता है असली सिंदूर


असली सिंदूर पूरी तरह से नेचुरल होता है. इसे कमीला (Kampillaka) नाम के पौधे से तैयार किया जाता है. पहले कमीला के फलों से बीज निकाले जाते हैं फिर इन बीजों को सुखाकर पीसकर सिंदूर तैयार किया जाता है. असली सिंदूर में एक अच्छी सी खुशबू भी होती है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.